भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया को एक नया आयाम देने के लिए एक बड़ी पहल की है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के 16वें स्थापना दिवस के मौके पर घोषणा की कि सरकार देशभर में 10 लाख लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मुफ्त ट्रेनिंग देगी। इस योजना के तहत गांवों में मौजूद CSC के जरिए लोगों को एडवांस AI तकनीक की जानकारी दी जाएगी, जिससे ग्रामीण भारत भी टेक्नोलॉजी की मुख्यधारा से जुड़ सके। यह कदम न केवल ग्रामीण युवाओं को भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करेगा, बल्कि भारत को AI के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बड़ा योगदान देगा।

गांवों तक पहुंचेगा AI का ज्ञान
सरकार इस मिशन के तहत खास तौर पर गांवों में काम कर रहे VLEs यानी Village Level Entrepreneurs को प्राथमिकता दे रही है। इन उद्यमियों की संख्या लगभग 5.5 लाख है और ये पहले से ही अपने गांवों में डिजिटल सेवाएं देने का कार्य कर रहे हैं। अब इन्हें AI जैसी उन्नत तकनीक की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि ये गांवों में भी आधुनिक सेवाएं उपलब्ध करवा सकें। इस तरह से न केवल ग्रामीण युवाओं को स्किल डेवलपमेंट का मौका मिलेगा बल्कि गांवों में ही AI आधारित स्टार्टअप्स, एजुकेशन, हेल्थ और कृषि से जुड़े नए समाधान भी विकसित किए जा सकेंगे।
VLEs की परेशानी दूर करेगा नया प्लेटफॉर्म
ट्रेनिंग के साथ-साथ सरकार VLEs के सामने आने वाली समस्याओं को भी हल करने के लिए एक Unified Integrated Service Platform तैयार कर रही है। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य यह है कि सभी डिजिटल सेवाएं एक जगह पर उपलब्ध हों ताकि ग्रामीण उद्यमी बिना किसी तकनीकी अड़चन के अपने कार्य कर सकें। इससे उनके काम की गति बढ़ेगी और गांवों में नागरिकों को सुगम और सुलभ सेवाएं मिल सकेंगी। यह डिजिटल इकोसिस्टम गांवों में तकनीकी सशक्तिकरण को मजबूत करेगा और AI की स्वीकार्यता को भी बढ़ाएगा।
IndiaAI मिशन से जुड़ेगा पूरा देश
इस पहल का हिस्सा भारत सरकार का महत्वाकांक्षी IndiaAI मिशन है जिसके लिए 10,371.92 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इस मिशन के तहत भारत में स्वदेशी AI तकनीक का विकास, AI स्टार्टअप्स को बढ़ावा, युवाओं को AI की ट्रेनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण शामिल है। CSC यानी कॉमन सर्विस सेंटर्स को इस मिशन में एक महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है ताकि AI की पहुंच शहरों से निकलकर गांवों तक बने। ये सेंटर्स साल 2006 से ग्रामीण भारत में डिजिटल सेवाएं दे रहे हैं और अब AI क्रांति का आधार भी बनने जा रहे हैं।
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