आज के दौर में जहां डॉक्टर की अपॉइंटमेंट मिलना मुश्किल और महंगा होता जा रहा है, वहीं OpenAI ने हेल्थकेयर सेक्टर में बड़ा कदम उठाते हुए एक ऐसा सिस्टम लॉन्च किया है, जो भविष्य में आपकी जेब में डॉक्टर की तरह काम कर सकता है। इस सिस्टम का नाम है HealthBench। OpenAI का दावा है कि यह बेंचमार्क दुनिया के सबसे बेहतर डॉक्टर जैसी हेल्थ सलाह देने में सक्षम है, वो भी 24×7 और पूरी तरह मुफ्त। HealthBench दरअसल एक ऐसा टेस्टिंग टूल है जिससे यह परखा जाता है कि AI मॉडल्स कितना अच्छा और सटीक मेडिकल बातचीत कर सकते हैं। OpenAI का कहना है कि हेल्थकेयर में AI की मदद से न केवल मरीजों को बेहतर अनुभव मिलेगा बल्कि डॉक्टरों का काम भी आसान और तेज हो जाएगा।

HealthBench कैसे करता है काम?
HealthBench को OpenAI ने 60 देशों के 262 डॉक्टर्स की मदद से तैयार किया है। इसमें 5,000 रियल लाइफ मेडिकल बातचीत के उदाहरण शामिल किए गए हैं और हर उदाहरण के लिए डॉक्टरों ने खुद एक रेटिंग सिस्टम (रबरिक) बनाया है, जिससे यह पता चलता है कि AI का जवाब कितना भरोसेमंद और सटीक है। इस बेंचमार्क के जरिए OpenAI ने अपने नए मॉडल्स को टेस्ट किया और पाया कि GPT‑4.1 nano जैसे छोटे और सस्ते मॉडल्स ने भी August 2024 के GPT‑4o जैसे महंगे मॉडल्स से बेहतर परफॉर्म किया। ये मॉडल्स इमरजेंसी केयर, ग्लोबल हेल्थ, अनिश्चितता के समय सही निर्णय लेने जैसी 7 प्रमुख हेल्थ कैटेगरी में परखे गए। यह भी देखा गया कि कई मामलों में इंसानी डॉक्टरों के मुकाबले LLMs (Large Language Models) ने ज्यादा साफ, बेहतर और विस्तृत जवाब दिए।
क्या AI इंसानी डॉक्टर से बेहतर है?
ऑनलाइन कई यूज़र्स ने अपने अनुभव शेयर करते हुए बताया कि ChatGPT ने उन्हें उन बीमारियों को समझने और पहचानने में मदद की, जिन्हें इंसानी डॉक्टर भी ठीक से पहचान नहीं पाए थे। एक यूजर ने लिखा कि ChatGPT ने उनके लिए ऐसी कंडीशन डिटेक्ट की जिसे दो स्पेशलिस्ट भी नहीं समझ पाए थे और सही इलाज का सुझाव भी दिया। लेकिन इसी के साथ एक्सपर्ट्स चेतावनी भी दे रहे हैं। बेंगलुरु के जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. सीएन मंजुनाथ ने कहा कि AI का इस्तेमाल ज़रूर किया जा सकता है लेकिन यह कभी भी फिजिकल एग्जामिनेशन का विकल्प नहीं हो सकता है। किसी भी बीमारी की पूरी जानकारी, टेस्ट और चेकअप के बाद ही इलाज तय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि AI का उपयोग शुरुआती सलाह या फॉलो-अप में ज़रूर किया जा सकता है, लेकिन इलाज का अंतिम निर्णय डॉक्टर को ही लेना चाहिए।
हेल्थकेयर में बड़ी क्रांति की ओर बढ़ रहा AI
OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन पहले ही कह चुके हैं कि उन्हें सबसे ज़्यादा उम्मीद साइंटिफिक डिस्कवरी में AI से है। HealthBench का मकसद भी यही है कि सभी को हेल्थकेयर में बराबरी का और भरोसेमंद एक्सेस मिले। OpenAI अब हेल्थ रिसर्च इंजीनियर और हेल्थ सॉफ्टवेयर इंजीनियर जैसे पदों पर नियुक्तियाँ कर रहा है, जिससे साफ है कि कंपनी इस सेक्टर को लेकर गंभीर है। वहीं OpenAI की रिसर्चर Karina Nguyen का कहना है कि AI हेल्थकेयर की मदद से न सिर्फ़ जीवन की गुणवत्ता सुधार सकता है बल्कि लाइफ एक्सटेंशन यानी उम्र बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभा सकता है। Bryan Johnson जैसे लंबे जीवन के समर्थकों का भी मानना है कि AI-सहायता प्राप्त डॉक्टर अब बिना रेफरेंस मटीरियल के भी इंसानी डॉक्टरों से बेहतर जवाब देने लगे हैं।
Google और Anthropic भी इस रेस में पीछे नहीं
OpenAI अकेली कंपनी नहीं है जो हेल्थकेयर में AI का इस्तेमाल कर रही है। Google ने भी इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। कंपनी ने हाल ही में TxGemma और Med-Gemini जैसे AI मॉडल लॉन्च किए हैं, जो ड्रग डिस्कवरी, क्लिनिकल ट्रायल प्रेडिक्शन और मेडिकल डेटा के विश्लेषण में मदद करते हैं। इसके अलावा Google Cloud पर उपलब्ध MedLM और Search for Healthcare जैसे टूल्स डॉक्टरों और हेल्थ प्रोफेशनल्स को बेहतर निर्णय लेने में मदद करते हैं। वहीं OpenAI की प्रतिद्वंद्वी कंपनी Anthropic भी पीछे नहीं है। उनके CEO डारियो एमोडेई ने कहा है कि AI भविष्य में कैंसर, अल्जाइमर जैसी घातक बीमारियों का इलाज भी खोज सकता है। Anthropic ने “AI for Science” प्रोग्राम भी लॉन्च किया है जो शोधकर्ताओं को मुफ्त API एक्सेस देता है ताकि वे जीवन विज्ञान से जुड़ी खोजों को और तेज़ कर सकें।
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