1.5 टन AC के लिए कितने सोलर पैनल की जरूरत होती है, कितना खर्चा आएगा? जानिए पूरी डिटेल्स

Durgesh Paptwan
Durgesh Paptwan | 20/05/2025
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गर्मियों का मौसम आते ही एयर कंडीशनर हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन जाता है। लेकिन इसके साथ एक बड़ी चिंता भी आती है – बढ़ता हुआ बिजली बिल। इसीलिए आज कई लोग सोलर एनर्जी की ओर रुख कर रहे हैं। क्या आप भी अपने 1.5 टन के AC को सोलर पैनल से चलाने के बारे में सोच रहे हैं? इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि 1.5 टन AC के लिए कितने सोलर पैनल की आवश्यकता होती है और इससे जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां।

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AC के प्रकार और उनकी बिजली खपत

बाजार में कई प्रकार के एयर कंडीशनर उपलब्ध हैं, जैसे विंडो एसी, स्प्लिट एसी और इन्वर्टर एसी। प्रत्येक प्रकार की बिजली खपत अलग-अलग होती है। Inverter AC पारंपरिक एसी की तुलना में 30-50% तक कम बिजली का उपयोग करता है, जो सोलर सिस्टम के साथ इसे अधिक अनुकूल बनाता है।

एक 1.5 टन का स्टैंडर्ड एसी लगभग 1.5 किलोवाट से 1.8 किलोवाट बिजली का उपयोग करता है, जबकि Inverter AC सिर्फ 1.2 किलोवाट से 1.5 किलोवाट बिजली खर्च करता है। इसलिए सोलर पैनल की संख्या तय करते समय यह एक महत्वपूर्ण कारक है।

1.5 टन एसी के लिए कितने सोलर पैनल चाहिए?

एक सोलर पैनल की क्षमता आमतौर पर 330 वाट से 400 वाट तक होती है। अगर हम 330 वाट के पैनल को आधार मानें, तो 3 किलोवाट (3000 वाट) के लिए आपको लगभग 9-10 सोलर पैनल लगाने होंगे। हालाँकि यदि आप बड़े सोलर पैनल जैसे 580 watt के सोलर पैनल लगाते है तो केवल 3 पैनल में आपका काम हो जायेगा।

सामान्य नियम के अनुसार, प्रति टन एसी के लिए लगभग 1 किलोवाट सोलर पैनल की आवश्यकता होती है। इस हिसाब से 1.5 टन एसी के लिए आपको लगभग 1.5 किलोवाट से 1.8 किलोवाट तक के सोलर पैनल की जरूरत होगी। ऐसे में आपको 330 वाट के लगभग 5-6 पैनल तो सिर्फ 1.5 टन एसी को चलाने के लिए आवश्यक है। अगर आपका एसी Inverter टेक्नोलॉजी वाला है, तो भी इसी रेंज में पैनल लगाना उचित रहेगा, क्योंकि तापमान के अधिक होने पर इन्वर्टर एसी भी ज्यादा बिजली खर्च कर सकता है।

दैनिक बिजली खपत और सोलर पैनल का आकलन

1.5 टन का Inverter AC 24 घंटे में लगभग 12-18 यूनिट (किलोवाट-घंटा) बिजली की खपत कर सकता है। यह निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:

  • कमरे का आकार और ऊंचाई
  • कमरे में मौजूद लोगों की संख्या
  • अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलने वाली गर्मी
  • बाहरी तापमान और धूप का प्रभाव
  • एसी का तापमान सेटिंग

अपने एसी की सटीक बिजली खपत जानने के लिए एनर्जी मीटर का उपयोग करना सबसे अच्छा तरीका है। इसे अपने एसी से जोड़ें और 24 घंटे बाद मीटर से खपत यूनिट की जांच करें।

सोलर पैनल के आकलन के लिए यह सरल गणना उपयोगी है:

  • 5 यूनिट दैनिक खपत → 1 किलोवाट सोलर पैनल
  • 10 यूनिट दैनिक खपत → 2 किलोवाट सोलर पैनल
  • 15 यूनिट दैनिक खपत → 3 किलोवाट सोलर पैनल
  • 18 यूनिट दैनिक खपत → 3.6 किलोवाट सोलर पैनल

1.5 टन एसी के लिए, आमतौर पर 2.5-3kw के सोलर पैनल सिस्टम की सिफारिश की जाती है, ताकि गर्मियों के चरम दिनों में भी पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो सके।

सोलर सिस्टम के प्रकार: ऑन-ग्रिड बनाम ऑफ-ग्रिड

AC चलाने के लिए दो प्रकार के सोलर सिस्टम हैं:

1. ऑन-ग्रिड सोलर सिस्टम

यह सिस्टम आपके घर को मुख्य बिजली ग्रिड से जुड़ा रखता है। इसके निम्नलिखित फायदे हैं:

  • अतिरिक्त सोलर एनर्जी को ग्रिड में भेजा जा सकता है, जिससे नेट मीटरिंग के माध्यम से बिल कम हो सकता है
  • रात में या बादल वाले दिनों में ग्रिड से बिजली का उपयोग किया जा सकता है
  • बैटरी की आवश्यकता नहीं होती, जिससे इंस्टॉलेशन लागत कम होती है

2. ऑफ-ग्रिड सोलर सिस्टम

यह सिस्टम बैटरी बैंक का उपयोग करता है और ग्रिड से स्वतंत्र होता है:

  • बिजली कटौती के दौरान भी AC चल सकता है
  • बैटरी की लागत और रखरखाव के कारण इंस्टॉलेशन महंगा होता है
  • बैटरी की क्षमता सीमित होती है, जिसके कारण लंबे समय तक एसी चलाना मुश्किल हो सकता है

अगर आपके घर में पहले से एसी लगा है, तो ऑन-ग्रिड सिस्टम अपनाना अधिक फायदेमंद होगा। इससे सर्दियों के मौसम में, जब एसी का उपयोग नहीं होता, अतिरिक्त सोलर एनर्जी ग्रिड में भेजी जा सकती है, जिससे आपका बिजली बिल संतुलित रहेगा।

सोलर AC बनाम पारंपरिक AC

मार्केट में कई कंपनियां डायरेक्ट सोलर एयर कंडीशनर भी उपलब्ध करा रही हैं, जिनमें 1.5 टन के AC के लिए 1.5 किलोवाट के सोलर पैनल साथ आते हैं। लेकिन इन सिस्टम की एक सीमा यह है कि इनके सोलर पैनल सिर्फ एसी के लिए ही उपयोग किए जा सकते हैं, घर के अन्य उपकरणों के लिए नहीं।

इसके विपरीत, अलग से सोलर पैनल सिस्टम स्थापित करने पर आप इसका उपयोग AC के साथ-साथ अन्य घरेलू उपकरणों के लिए भी कर सकते हैं, जिससे बिजली बिल में और अधिक बचत होगी।

निवेश और आर्थिक लाभ

1.5 टन AC के लिए 2.5-3.0 किलोवाट सोलर सिस्टम में लगभग 1.5-2 लाख रुपये का निवेश होता है। हालांकि यह एकमुश्त राशि अधिक लग सकती है, लेकिन यह निवेश लगभग 4-5 साल में वसूल हो जाता है और सोलर पैनल की उम्र 25 साल तक होती है। सरकारी सब्सिडी और टैक्स बेनिफिट्स के साथ, यह निवेश और भी आकर्षक हो जाता है। केंद्र सरकार पीएम सूर्यघर योजना के तहत रेजिडेंशियल सोलर सिस्टम पर 60% तक की सब्सिडी प्रदान करती हैं।

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