OpenAI, जिसने दुनिया को ChatGPT जैसा शक्तिशाली एआई टूल दिया, अब भारत में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। कंपनी देश में 1 गीगावॉट क्षमता वाला सुपरकंप्यूटिंग डाटा सेंटर बनाने की योजना पर काम कर रही है। अगर यह प्रोजेक्ट साकार होता है, तो यह भारत के सबसे बड़े आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब में से एक होगा। माना जा रहा है कि OpenAI इसके लिए भारतीय पार्टनर्स से बातचीत कर रहा है और जल्द ही इसकी आधिकारिक घोषणा हो सकती है।

भारत बनेगा एआई का नया पावरहाउस
रिपोर्ट्स के मुताबिक OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन इस महीने भारत आ सकते हैं और अपने दौरे के दौरान इस प्रोजेक्ट पर और जानकारी साझा कर सकते हैं। यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब भारत पहले से ही माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और रिलायंस जैसी कंपनियों के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का बड़ा ठिकाना बन चुका है। भारत में तेजी से बढ़ते यूजर बेस और सरकार की $1.2 बिलियन की IndiaAI मिशन योजना इस डाटा सेंटर को और भी अहम बना देती है। इस मिशन का मकसद देश में बड़े भाषा मॉडल विकसित करना और एआई क्षमताओं को मजबूत करना है।
भारतीय यूजर्स को मिलेगा बड़ा फायदा
OpenAI ने हाल ही में भारतीय बाजार को ध्यान में रखते हुए सिर्फ 5 डॉलर (करीब ₹400) का मासिक सब्सक्रिप्शन भी लॉन्च किया है। ऐसे में देश में डाटा सेंटर बनने से न केवल यूजर्स को तेज और कस्टमाइज्ड सेवाएं मिलेंगी, बल्कि डेटा सुरक्षा को लेकर भी भरोसा बढ़ेगा। अभी तक कई बार यह चिंता उठी है कि संवेदनशील डेटा विदेशों में प्रोसेस किया जाता है। लेकिन भारत में यह हब बनने से लोकल प्रोसेसिंग संभव होगी और सरकारी नियमों के साथ तालमेल बैठाना आसान होगा।
दुनिया की बड़ी योजनाओं का हिस्सा बनेगा भारत
वैश्विक स्तर पर OpenAI पहले से ही अमेरिका, नॉर्वे और अबू धाबी जैसे देशों में बड़े डाटा सेंटर्स पर काम कर रहा है। कंपनी ने अमेरिका में Oracle और SoftBank के साथ मिलकर Stargate प्रोजेक्ट के तहत 4.5 गीगावॉट क्षमता वाले सुपरकंप्यूटिंग हब्स पर निवेश किया है। अबू धाबी में इसका 5 गीगावॉट का प्रोजेक्ट भी सुर्खियों में है। वहीं, भारत में ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है जिससे एआई चिप्स की सप्लाई पर असर पड़े। यही वजह है कि OpenAI भारत को अपनी ग्लोबल रणनीति का अहम हिस्सा मान रहा है।
भारत का यह कदम सिर्फ टेक्नोलॉजी सेक्टर ही नहीं बल्कि अर्थव्यवस्था और रोजगार के क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव ला सकता है। एआई से जुड़े हजारों नए अवसर पैदा होंगे और भारत एशिया का सबसे बड़ा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हब बनने की राह पर आगे बढ़ सकता है।