भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नया इतिहास लिखा जा रहा है और इसका केंद्र बन रहा है छत्तीसगढ़! हाल ही में रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ एनर्जी इन्वेस्टर्स समिट-2025 में एनटीपीसी लिमिटेड और उसकी सहायक कंपनी NTPC Green Energy Ltd. (एनजीईएल) ने छत्तीसगढ़ सरकार के साथ 96,000 करोड़ रुपये के कई बड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए। यह समझौते न सिर्फ छत्तीसगढ़ को ऊर्जा का पावरहाउस बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं, बल्कि भारत सरकार के नेट जीरो लक्ष्य और सतत ऊर्जा सपनों को भी हकीकत में बदलने का वादा करते हैं। तो आइए, इन मेगा प्रोजेक्ट्स की रोचक कहानी को करीब से जानते हैं, जो आपको हैरानी और उत्साह से भर देगी!

परमाणु ऊर्जा का बड़ा दांव: 80,000 करोड़ का निवेश
पहला समझौता कुछ ऐसा है, जो छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के नक्शे पर एक नई पहचान देगा। एनटीपीसी लिमिटेड और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच हुए इस करार के तहत राज्य में 4200 मेगावाट की विशाल परमाणु ऊर्जा परियोजना शुरू होगी। इस प्रोजेक्ट में करीब 80,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। सोचिए, एक ऐसा प्लांट जो न सिर्फ बिजली की भारी-भरकम जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित ऊर्जा का रास्ता भी खोलेगा। यह परियोजना छत्तीसगढ़ को तकनीकी रूप से कितना आगे ले जाएगी, इसका अंदाजा लगाना भी रोमांचक है!
पंप्ड हाइड्रो का कमाल: 5,876 करोड़ का अनोखा प्रोजेक्ट
दूसरा समझौता सुनकर आप चौंक जाएंगे! छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) और एनटीपीसी ने मिलकर गरियाबंद जिले के सिकासेर इलाके में 1200 मेगावाट का पंप्ड हाइड्रो स्टोरेज प्रोजेक्ट शुरू करने का फैसला किया है। इसके लिए 5,876 करोड़ रुपये का निवेश होगा। लेकिन यह पंप्ड हाइड्रो क्या है? आसान भाषा में कहें तो यह एक ऐसी तकनीक है, जो पानी को ऊंचाई पर स्टोर करके जरूरत पड़ने पर बिजली बनाती है। दिन में सौर या पवन ऊर्जा से पानी को ऊपर पंप किया जाएगा और रात में या जरूरत के वक्त इसे नीचे छोड़कर बिजली पैदा की जाएगी। यह न सिर्फ स्मार्ट है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। क्या यह तकनीक छत्तीसगढ़ को ऊर्जा क्रांति का नया चेहरा नहीं बना सकती?
सौर और पवन ऊर्जा का जोश: 10,000 करोड़ का रिन्यूएबल सपना
तीसरा समझौता एनजीईएल और सीएसपीजीसीएल के बीच एक जॉइंट वेंचर एग्रीमेंट है, जिसमें 2 गीगावाट तक की रिन्यूएबल एनर्जी परियोजनाएं शुरू होंगी। इसमें सौर, पवन और हाइब्रिड ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल होगा, और इसके लिए 10,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। ये प्रोजेक्ट्स छत्तीसगढ़ के डिस्कॉम्स की रिन्यूएबल परचेज ऑब्लिगेशन (आरपीओ) और सीएसपीजीसीएल की रिन्यूएबल जेनरेशन ऑब्लिगेशन (आरजीओ) को पूरा करने में मदद करेंगे। सूरज की रोशनी और हवा की ताकत से बिजली बनाना क्या वाकई में भविष्य का रास्ता नहीं है? ये परियोजनाएं न सिर्फ बिजली पैदा करेंगी, बल्कि प्रदूषण को कम करके छत्तीसगढ़ की हवा को भी साफ रखेंगी।
समिट में बड़े चेहरों की मौजूदगी
इन ऐतिहासिक समझौतों पर हस्ताक्षर छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मौजूदगी में हुए। उनके साथ मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव (ऊर्जा) श्री सुबोध कुमार सिंह और सीएसपीजीसीएल के एमडी श्री संजीव कुमार कटियार जैसे बड़े अधिकारी भी मौजूद थे। एनटीपीसी की ओर से टीम का नेतृत्व RED WR-II और ऐश NI श्री प्रदीप्त कुमार मिश्रा, ED (न्यूक्लियर) श्री प्रसेनजीत पाल, GM हाइड्रो श्री जे सी काकोती और AGM (एनजीईएल) श्री बिमल गोपालचारी ने किया। इतने बड़े नामों का एक मंच पर आना इस बात का सबूत है कि ये प्रोजेक्ट्स कितने महत्वपूर्ण हैं।
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