अगर आप शेयर बाजार में सस्ते लेकिन मजबूत स्टॉक्स की तलाश कर रहे हैं, तो Suzlon Energy आपके लिए एक बेहतरीन अवसर बनकर उभरा है। इस समय ये शेयर केवल ₹51 के करीब ट्रेड कर रहा है और देश की जानी-मानी ब्रोकरेज फर्म Motilal Oswal ने इस पर ₹75 का टारगेट दिया है। यानी यहां से करीब 30% रिटर्न मिलने की संभावना जताई गई है। कंपनी ने इसे ‘Buy’ रेटिंग के साथ बरकरार रखा है। खास बात यह है कि Suzlon का शेयर हाल ही में अपने 52-वीक हाई ₹86.04 से गिरकर ₹51.10 तक आ चुका है, जो करीब 40% की गिरावट है। ऐसे में जानकारों का मानना है कि यह करेक्शन अब एक शानदार निवेश अवसर बन सकता है।

सरकार की नई नीति Suzlon के लिए वरदान साबित हो सकती है
Suzlon के लिए बड़ा पॉजिटिव फेक्टर है सरकार की हालिया ड्राफ्ट RLMM (Revised List of Models and Manufacturers) पॉलिसी, जिसमें साफ कहा गया है कि अब विंड टर्बाइन निर्माण में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख पार्ट्स जैसे ब्लेड, टावर, गियरबॉक्स और जनरेटर को भारत में ही बनाना होगा। इस पॉलिसी में छह महीने की छूट दी गई है, जिसमें सीमित मात्रा में इम्पोर्ट की इजाजत है। इसके बाद यह नियम पूरी तरह लागू हो जाएगा।
यह फैसला Suzlon जैसे घरेलू मैन्युफैक्चरर्स के लिए लंबी अवधि में बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि कंपनी पहले से ही इन सभी पार्ट्स का भारत में निर्माण करती है। विदेशी कंपनियों को इस नियम के तहत भारत में आधारभूत ढांचा खड़ा करना होगा, जिससे प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है और Suzlon की मार्केट हिस्सेदारी बढ़ने के पूरे चांस हैं।
मजबूत ऑर्डर बुक और बढ़ता EPC बिजनेस
Motilal Oswal की रिपोर्ट में बताया गया है कि Suzlon अब अपने EPC (Engineering, Procurement, and Construction) बिजनेस पर ज्यादा फोकस कर रही है। कंपनी का लक्ष्य है कि अपनी ऑर्डर बुक में EPC कॉन्ट्रैक्ट्स की हिस्सेदारी को 20% से बढ़ाकर 50% तक लाया जाए। इससे कंपनी को प्रोजेक्ट्स पर ज्यादा कंट्रोल मिलेगा और डिलिवरी में पारदर्शिता भी आएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी FY26 तक 2.4GW की डिलीवरी का टारगेट रख रही है, यानी हर तिमाही में 600MW डिलीवर करने का प्लान है। Q3 FY25 में Suzlon पहले ही 447MW की डिलिवरी कर चुकी है, जिससे यह लक्ष्य व्यावहारिक लगता है। इसके अलावा, कंपनी की रेवेन्यू और मुनाफा FY25-27 के बीच क्रमशः 46% और 58% की दर से बढ़ सकता है।
एक्सपोर्ट के अवसर और जमीन अधिग्रहण की स्थिति मजबूत
Suzlon के लिए एक और सकारात्मक पहलू है कि कई भारतीय OEM कंपनियां अब अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों को एक्सपोर्ट करने की संभावनाएं तलाश रही हैं। ऐसे में Suzlon की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी और ट्रैक रिकॉर्ड उसे अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के बीच भी एक भरोसेमंद नाम बना सकता है। साथ ही कंपनी के पास FY26 के लिए जो ऑर्डर पाइपलाइन है, उनमें से अधिकतर प्रोजेक्ट्स की ज़मीन पहले से अधिग्रहीत हो चुकी है और पावर इवैकुएशन यानी ग्रिड से कनेक्शन की तैयारी भी लगभग पूरी है। यह दर्शाता है कि आने वाले समय में Suzlon अपनी डिलीवरी को सुचारू रूप से अंजाम देने के लिए पूरी तरह तैयार है।
निवेशकों के लिए शानदार मौका या रिस्क?
हालांकि शेयर बाजार में कोई भी निवेश पूरी तरह से बिना जोखिम के नहीं होता है, लेकिन अगर आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर हैं और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में भरोसा रखते हैं, तो Suzlon Energy एक मजबूत दांव हो सकता है। ₹51 के आसपास का यह लेवल, गिरावट के बाद एक आकर्षक एंट्री पॉइंट बन चुका है। Motilal Oswal की रिपोर्ट भी यह स्पष्ट करती है कि कंपनी के फंडामेंटल्स मज़बूत हैं और सरकारी नीतियां भी इसके पक्ष में हैं। ऐसे में जिन निवेशकों की नजर सस्ते लेकिन ग्रोथ वाले स्टॉक्स पर है, उनके लिए Suzlon एक स्मार्ट विकल्प साबित हो सकता है। लेकिन निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें।
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