पिछले 48 घंटों में टेक्नोलॉजी की दुनिया में बड़ा धमाका हुआ है! टेक कंपनियों का $1 ट्रिलियन डूब गया, अमेरिका अब AI की दुनिया का अकेला बॉस नहीं रहा, और भारत को यह अहसास हुआ कि वह इस रेस में कहीं भी नहीं है। और यह सब सिर्फ़ एक छोटी सी AI रिसर्च लैब DeepSeek की वजह से हुआ, जिसने सिलिकॉन वैली और वॉशिंगटन डी.सी. में खलबली मचा दी है। चीन की इस कंपनी ने OpenAI को सीधी टक्कर दी है और AI की दुनिया में अमेरिका के वर्चस्व को चुनौती दे दी है।

कौन हैं DeepSeek के पीछे का दिमाग?🔥
DeepSeek की शुरुआत चीन के लियांग वेनफेंग ने सिर्फ़ एक साल पहले की थी। उनके पिता एक प्राइमरी स्कुल के टीचर थे। वेनफेंग किसी टेक बैकग्राउंड से नहीं, बल्कि फाइनेंस की दुनिया से आते हैं। उन्होंने 2015 में एक हेज फंड High-Flyer शुरू किया और AI में मार्केट ट्रेंड्स को प्रेडिक्ट करने का तरीका खोजा।
2021 में उन्होंने हजारों Nvidia चिप्स खरीदना शुरू किया, जब किसी को अंदाजा भी नहीं था कि अमेरिका AI चिप्स की सप्लाई पर रोक लगाने वाला है। लोग उन्हें पागल समझ रहे थे, लेकिन वेनफेंग ने 2023 में DeepSeek लॉन्च कर सबको गलत साबित कर दिया!
कैसे एक ‘Nerd’ ने बदली AI की दुनिया?
Liang Wenfeng को शुरू में कोई गंभीरता से नहीं लेता था। जब उन्होंने 2021 में हजारों Nvidia ग्राफिक्स प्रोसेसर खरीदने शुरू किए, तो लोग इसे उनका अजीब शौक समझते थे।
👉 Financial Times की रिपोर्ट के मुताबिक, एक समय पर उनके बिजनेस पार्टनर भी उन्हें सीरियसली नहीं लेते थे। एक ने कहा:
“वह एक ‘नर्ड’ था, जिसके बाल भी सही से सेट नहीं होते थे! उसने कहा कि वह 10,000 चिप्स का क्लस्टर बनाना चाहता है। हमने सोचा कि ये सिर्फ Alibaba या ByteDance जैसी बड़ी कंपनियाँ कर सकती हैं!” 🤦♂️
लेकिन Liang अपने मिशन पर डटे रहे और 2023 में DeepSeek को लॉन्च कर दुनिया को दिखा दिया कि उनका सपना असल में AI की दुनिया में क्रांति ला सकता है!
DeepSeek का धमाका: कम पैसे में बड़ा गेम!
DeepSeek के नए AI मॉडल R1 ने ग्लोबल बेंचमार्क्स पर ऐसा परफॉर्म किया कि सभी दंग रह गए! अमेरिकी कंपनियां जहां अरबों डॉलर खर्च कर रही थीं, वहीं DeepSeek ने महज $5.6 मिलियन (₹50 करोड़) में AI तैयार कर दिया।
चौंकाने वाली बात यह है कि DeepSeek ने कम पावरफुल Nvidia H800 चिप्स पर मॉडल ट्रेन किया, जबकि अमेरिका की कंपनियां महंगे Blackwell चिप्स पर अरबों खर्च कर रही हैं। इसने सिर्फ 200 लोगों की टीम से इतना एडवांस AI बना दिया, जबकि OpenAI जैसी कंपनियों के पास हजारों एक्सपर्ट्स हैं। DeepSeek का R1 मॉडल GPT-4 को टक्कर दे रहा है, और इसकी लागत बेहद कम है।
AI में अमेरिका से आगे निकला चीन?
अमेरिका ने चीन को हाई-परफॉर्मेंस चिप्स देने पर बैन लगाया था, ताकि वह AI में आगे न बढ़ सके। लेकिन Wenfeng ने पहले ही हजारों Nvidia चिप्स खरीद लीं और अपनी खुद की टेक्नोलॉजी डेवलप कर ली! जब उन्होंने 2023 में DeepSeek लॉन्च किया, तो कोई उन्हें सीरियसली नहीं ले रहा था।
आज हालात यह हैं कि DeepSeek का ऐप अमेरिका के ऐप स्टोर में No.1 बन गया, ChatGPT को पीछे छोड़कर! ByteDance, Baidu, Tencent जैसी बड़ी चाइनीज कंपनियों को अपने AI मॉडल सस्ते करने पड़े ताकि वे DeepSeek से मुकाबला कर सकें। भारत अभी भी इस रेस से बाहर है, क्योंकि उसके पास OpenAI या DeepSeek जैसा कोई AI लैब ही नहीं है।
यह भी पढ़े – 👉 क्या AI अब खुद का क्लोन बना रहा है? साइंटिस्ट्स की नींद उड़ा देने वाली रिसर्च!