सोलर एनर्जी का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में धूप से चलने वाले सोलर पैनल्स का ख्याल आता है। लेकिन क्या हो अगर हम आपसे कहें कि अब सोलर पैनल्स सिर्फ धूप में ही नहीं, बल्कि अंधेरे में भी बिजली बना सकते हैं? जी हां, ये कोई साइंस फिक्शन नहीं है, बल्कि हकीकत है। हाइड्रोजन सोलर पैनल्स (Hydrogen Solar Panels) ने ये मुमकिन कर दिखाया है। यह टेक्नोलॉजी न सिर्फ एनर्जी के क्षेत्र में एक क्रांति ला रही है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी काफी फायदेमंद है। तो चलिए, आज इसी टॉपिक पर बात करते हैं और जानते हैं कि ये हाइड्रोजन सोलर पैनल्स क्या हैं, कैसे काम करते हैं और इनकी कीमत क्या है।

हाइड्रोजन सोलर पैनल क्या है?
हाइड्रोजन सोलर पैनल्स एक नई जनरेशन की टेक्नोलॉजी है जो सोलर एनर्जी को स्टोर करने के लिए हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल करती है। ये पैनल्स दिन में सूरज की रोशनी से बिजली बनाते हैं और एक्स्ट्रा एनर्जी को हाइड्रोजन गैस में कन्वर्ट करके स्टोर कर लेते हैं। फिर जब धूप नहीं होती, यानी रात या बादल वाले दिनों में, यह स्टोर की गई हाइड्रोजन गैस से बिजली पैदा करते हैं। इस तरह, ये पैनल्स 24/7 बिजली बनाने में सक्षम हैं।
कैसे काम करता है हाइड्रोजन सोलर पैनल?
हाइड्रोजन सोलर पैनल्स का काम करने का तरीका काफी दिलचस्प है। ये पैनल्स दो मुख्य प्रक्रियाओं पर काम करते हैं:
- फोटोवोल्टिक प्रोसेस (Photovoltaic Process): दिन के समय सोलर पैनल्स सूरज की रोशनी को बिजली में कन्वर्ट करते हैं। ये बिजली घरों, ऑफिस या किसी भी जगह पर इस्तेमाल की जा सकती है।
- इलेक्ट्रोलिसिस प्रोसेस (Electrolysis Process): जब सोलर पैनल्स जरूरत से ज्यादा बिजली पैदा करते हैं, तो इस एक्स्ट्रा एनर्जी का इस्तेमाल पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में तोड़ने के लिए किया जाता है। इस प्रक्रिया को इलेक्ट्रोलिसिस कहते हैं। हाइड्रोजन गैस को फिर स्टोर कर लिया जाता है।
- फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी (Fuel Cell Technology): जब बिजली की जरूरत होती है और सूरज की रोशनी नहीं होती, तो स्टोर की गई हाइड्रोजन गैस को फ्यूल सेल के जरिए बिजली में कन्वर्ट किया जाता है। इस तरह, ये सिस्टम 24 घंटे बिजली सप्लाई कर सकता है।
हाइड्रोजन सोलर पैनल्स के फायदे
- 24/7 बिजली सप्लाई: यह सबसे बड़ा फायदा है। अब आपको सिर्फ धूप पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। रात में भी बिजली मिलेगी।
- पर्यावरण के लिए सुरक्षित: हाइड्रोजन सोलर पैनल्स ग्रीन एनर्जी का एक बेहतरीन सोर्स हैं। इनसे कार्बन उत्सर्जन नहीं होता, जो पर्यावरण के लिए काफी अच्छा है।
- एनर्जी स्टोरेज का बेहतर तरीका: बैटरीज की तुलना में हाइड्रोजन गैस को स्टोर करना ज्यादा आसान और सुरक्षित है। ये लंबे समय तक एनर्जी को स्टोर कर सकता है। हाइड्रोजन गैस से कार, ट्रक,बस आदि भी चला सकते है।
- कम रखरखाव: हाइड्रोजन सोलर पैनल्स को ज्यादा मेंटेनेंस की जरूरत नहीं होती। एक बार इंस्टॉल करने के बाद ये सालों तक चलते हैं।
हाइड्रोजन सोलर पैनल्स की कीमत
अब सबसे बड़ा सवाल, यह हाइड्रोजन सोलर पैनल्स कितने के हैं? अभी यह टेक्नोलॉजी नई है और इसकी कीमत पारंपरिक सोलर पैनल्स से ज्यादा है। एक सामान्य हाइड्रोजन सोलर पैनल सिस्टम की कीमत लगभग ₹1 लाख से ₹1.5 लाख तक हो सकती है। हालांकि, जैसे-जैसे यह टेक्नोलॉजी पॉपुलर होगी और प्रोडक्शन बढ़ेगा, इसकी कीमत में कमी आने की उम्मीद है। हाइड्रोजन सोलर पैनल का ROI रेगुलर पैनल्स से बेहतर है। आम तौर पर इस पर किया गया निवेश 4-5 साल में रिकवर हो जाता है, जबकि रेगुलर पैनल्स में यह 6-7 साल का समय लेता है।
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