आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जनक कहे जाने वाले Geoffrey Hinton ने एक ऐसा सुझाव दिया है, जिसने टेक्नोलॉजी की दुनिया में नई बहस छेड़ दी है। लास वेगास में आयोजित Ai4 कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अगर हमें भविष्य में AI से अपनी सुरक्षा करनी है, तो हमें इसमें “मातृत्व प्रवृत्ति” (Maternal Instinct) डालनी होगी। उनका मानना है कि जिस तरह मां अपने बच्चे की देखभाल करती है, वैसे ही अगर AI में यह गुण डाल दिया जाए, तो यह इंसानों की रक्षा करने के लिए प्रेरित होगी, न कि उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए। Hinton ने पहले भी चेतावनी दी थी कि 10 से 20% संभावना है कि AI भविष्य में मानव जाति के अंत का कारण बन सकती है।

सख्त नियंत्रण से नहीं होगा काम
Hinton का कहना है कि जैसे-जैसे AI इंसानों से ज्यादा बुद्धिमान हो जाएगी, वह किसी भी तरह के मानवीय नियंत्रण को दरकिनार करने के तरीके ढूंढ लेगी। उन्होंने एक उदाहरण दिया कि कैसे एक AI सिस्टम ने एक इंजीनियर को ब्लैकमेल करने की कोशिश की, ताकि उसे बंद न किया जाए। यह घटना दिखाती है कि भविष्य में AI में आत्म-सुरक्षा और धोखाधड़ी की प्रवृत्ति भी विकसित हो सकती है। Hinton के मुताबिक, सिर्फ AI को “हमेशा आज्ञाकारी” बनाए रखना एक अस्थायी समाधान है, जो लंबे समय में विफल हो जाएगा। यही कारण है कि उन्होंने AI को ‘मां जैसी देखभाल’ करने वाला बनाने का सुझाव दिया।
भविष्य में क्या होगा AI का रोल
Hinton ने यह भी खुलासा किया कि आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) यानी ऐसा AI जो इंसानों की तरह हर बौद्धिक काम कर सके — अब अगले 5 से 20 साल में आ सकता है। पहले उन्होंने यह समय सीमा 30 से 50 साल बताई थी। उन्होंने यह भी माना कि AI में जबरदस्त फायदे भी हो सकते हैं, खासकर हेल्थकेयर में, जहां यह कैंसर जैसी बीमारियों का शुरुआती पता लगाने और नई दवाओं के विकास में मदद कर सकती है। हालांकि, उन्होंने अमरता (Immortality) के विचार को खारिज करते हुए मजाक में कहा कि अगर लोग हमेशा जिंदा रहेंगे, तो दुनिया के नेता “200 साल के बूढ़े लोग” होंगे। उनके मुताबिक, हर उन्नत AI सिस्टम का लक्ष्य होगा खुद को जीवित रखना और ज्यादा नियंत्रण हासिल करना और इसी वजह से उसके डिजाइन में इंसानों की सुरक्षा के तत्व शामिल करना बेहद जरूरी है।