AI टैलेंट के पीछे पागल हुई बड़ी कंपनियां! Google-OpenAI दे रहे 8.6 करोड़ तक का ऑफर, क्या आप हैं तैयार?

Vidyut Paptwan | 15/07/2025
Share This

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में इन दिनों जबरदस्त हलचल मची हुई है। टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी कंपनियां Google, Meta और OpenAI एक-दूसरे से होड़ कर रही हैं कि किसके पास सबसे टॉप AI टैलेंट हो। इस होड़ का असर सीधा सैलरी पैकेज पर पड़ा है, जहां एक AI इंजीनियर या रिसर्चर को अब 8.6 करोड़ रुपये तक का ऑफर दिया जा रहा है। सिर्फ अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया में कंपनियों का फोकस अब इस पर है कि वह सबसे होशियार दिमाग को अपने साथ जोड़े और लंबे समय तक बनाए रखें।

Big Tech Needs AI Experts

क्यों बढ़ रही है AI टैलेंट की डिमांड?

AI अब केवल भविष्य की तकनीक नहीं रह गई है, बल्कि यह आज का सबसे बड़ा इनोवेशन इंजन बन चुका है। हेल्थकेयर, ऑटोमेशन, कंटेंट क्रिएशन, फाइनेंस, सिक्योरिटी हर जगह AI का उपयोग बढ़ रहा है। ऐसे में जो लोग मशीन लर्निंग, जनरेटिव AI, बड़े लैंग्वेज मॉडल्स और डीप लर्निंग जैसे क्षेत्रों में माहिर हैं, उनकी मांग दिन-प्रति-दिन बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि कंपनियां अब टैलेंट को लुभाने के लिए अपने सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव कर रही हैं। Google ने भी हाल ही में अमेरिका के श्रम विभाग को दिए गए दस्तावेजों में दिखाया कि उनके सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर को अब 3 करोड़ रुपये तक की बेसिक सैलरी मिल सकती है। और यह तो केवल बेसिक है, इसके ऊपर स्टॉक्स और बोनस अलग से हैं।

Meta और OpenAI ने भी खोला खजाना

Google की राह पर चलते हुए Meta और OpenAI ने भी टैलेंट हायरिंग की रेस में बड़ी छलांग मारी है। Meta जो पहले Facebook के नाम से जानी जाती थी, अब AI में भारी निवेश कर रही है। कंपनी के CEO मार्क जुकरबर्ग ने साफ कहा है कि एडवांस AI बनाना उनका सबसे बड़ा फोकस है। इसीलिए Meta अपने सीनियर AI रिसर्चर्स को 5 करोड़ से लेकर 8.6 करोड़ रुपये तक का सालाना पैकेज दे रही है। वहीं दूसरी तरफ OpenAI, जिसे Microsoft का सपोर्ट हासिल है, अपने इंजीनियर्स को 2 लाख से 3.7 लाख डॉलर बेसिक सैलरी दे रही है। इसके ऊपर इक्विटी और परफॉर्मेंस बोनस जोड़कर ये पैकेज 8 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है। कई बार ऑफर में प्रॉफिट शेयरिंग और शुरुआती इक्विटी स्टेक जैसे बेनिफिट भी दिए जाते हैं जिससे ये ऑफर और ज्यादा आकर्षक बन जाते हैं।

जंग सिर्फ हायरिंग की नहीं, रिटेंशन की भी है

AI टैलेंट को हायर करना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उन्हें कंपनी में बनाए रखना। टेक कंपनियां यह समझ चुकी हैं कि अगर उनके टॉप इंजीनियर्स और रिसर्चर्स दूसरी कंपनियों की तरफ चले गए तो उन्हें भारी नुकसान हो सकता है। इसलिए अब कंपनियां बेसिक सैलरी के अलावा परफॉर्मेंस-बेस्ड बोनस, स्टॉक ऑप्शन्स, फ्लेक्सिबल वर्किंग और यहां तक कि पूरी तरह से रिमोट जॉब जैसे ऑप्शन भी ऑफर कर रही हैं। Google का कहना है कि ये सारा इन्वेस्टमेंट इसलिए जरूरी है ताकि वह तेजी से बदलते AI बाजार में अपनी पकड़ बनाए रख सके और इनोवेशन में सबसे आगे रहे। ये सैलरी स्ट्रक्चर कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है।

आपके लिए भी है मौका करोड़पति बनने का

अगर आप टेक्नोलॉजी बैकग्राउंड से हैं और मशीन लर्निंग, AI रिसर्च, डेटा साइंस, या NLP जैसे क्षेत्रों में आपकी दिलचस्पी है तो अब आपके पास बड़ा मौका है। दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियां आज टैलेंट के लिए सिर्फ डिग्री नहीं, बल्कि स्किल और नॉलेज को देख रही हैं। अगर आपने किसी अच्छे प्रोजेक्ट पर काम किया है, रिसर्च पेपर पब्लिश किया है या ओपन सोर्स में योगदान दिया है, तो आपके पास भी ये मल्टी-करोड़ पैकेज पाने का पूरा चांस है। आने वाले समय में AI का प्रभाव और भी बढ़ेगा और इसकी वजह से skilled टैलेंट की वैल्यू और बढ़ेगी। 

नोट: अब AI केवल एक तकनीक नहीं, बल्कि एक फ्यूचर-ड्राइविंग इंडस्ट्री बन चुकी है। इसमें करियर बनाना सिर्फ पैसे का सवाल नहीं, बल्कि भविष्य का निर्माण है। 

यह भी पढ़े – 👉 Google Chrome की छुट्टी करने आ रहा है OpenAI का नया ब्राउज़र – खुद पढ़ेगा, समझेगा और बताएगा


Share This
Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

Leave a Comment

error: Content is protected !!
हमारे WhatsApp ग्रुप से जुड़ें WhatsApp Icon