सोलर इंडस्ट्री में दो बड़े नाम Waaree Energies Ltd और Premier Energies Ltd को विदेशी ब्रोकरेज फर्म Bernstein ने करारा झटका दिया है। Bernstein ने इन दोनों कंपनियों को “Underperform” रेटिंग दी है, यानी इनकी ग्रोथ और फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स कमजोर माने जा रहे हैं। लेकिन क्यों? क्या सच में Waaree और Premier का कोई भविष्य नहीं? आइए जानते हैं पूरी डिटेल्स!

Reliance और Adani की एंट्री से बढ़ी दिक्कत?
Bernstein का कहना है कि सोलर PV मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में असली खेल बड़े प्लेयर्स का होगा, और इसमें Reliance और Adani Enterprises जैसे दिग्गज बाज़ी मारेंगे। इन कंपनियों के पास न केवल ज्यादा पैसा है, बल्कि बैकवर्ड इंटीग्रेशन यानी पूरे सप्लाई चेन पर कंट्रोल भी है।
Waaree Energies ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाया है, लेकिन फिर भी Adani और Reliance जैसी कंपनियों से मुकाबला करना मुश्किल है। Premier Energies के लिए तो स्थिति और भी खराब मानी जा रही है।
40% से गिरकर नॉर्मल प्रॉफिट, 30 साल की गारंटी भी रिस्की!
Bernstein का मानना है कि अभी जो सुपर-हाई प्रॉफिट्स (40% तक) मिल रहे हैं, वो धीरे-धीरे सिर्फ 10-15% पर आ जाएंगे। इसकी कुछ बड़ी वजहें हैं –
➡️ इन कंपनियों को 30 साल की वॉरंटी देनी पड़ रही है, लेकिन अभी तक कोई प्रोडक्ट 30 साल तक चला ही नहीं।
➡️ इंडिया और अमेरिका के इम्पोर्ट रूल्स पर ज्यादा निर्भरता, जो कभी भी बदल सकते हैं।
➡️ बड़े खिलाड़ियों की एंट्री के बाद मुकाबला और मुश्किल हो जाएगा।
क्या Waaree और Premier ने सही वक्त पर इन्वेस्ट नहीं किया?
Bernstein मानता है कि दोनों कंपनियों ने सही समय पर सही जगह पैसा लगाया और इनका फ्यूचर पोटेंशियल अच्छा दिखता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या ये मुनाफे लंबे समय तक टिक पाएंगे? कुछ कंपनियों ने पहले ही समझ लिया है कि ये सुपर-प्रॉफिट्स ज्यादा दिन नहीं टिकेंगे, इसलिए वो खुद को डाइवर्सिफाई कर रही हैं यानी एनर्जी ट्रांजिशन से जुड़े नए सेक्टर्स में कदम रख रही हैं। लेकिन Bernstein का कहना है कि अभी के हालात को देखते हुए इन कंपनियों का “Underperform” करना तय है।
सोलर PV इंडस्ट्री में इन्वेस्टर्स को क्यों मिल रही है मायूसी?
ग्लोबल लेवल पर देखा जाए तो सोलर PV मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने अब तक अच्छा रिटर्न नहीं दिया। हालांकि, इंडस्ट्री में हलचल जरूर मची हुई है। इंडिया में सोलर एनर्जी का जबरदस्त ग्रोथ पोटेंशियल है। सरकार भी लोकल मैन्युफैक्चरिंग को सपोर्ट कर रही है। बड़े-बड़े कॉर्पोरेट्स इस सेक्टर में एंट्री ले रहे हैं। फिर भी, Bernstein का मानना है कि इस इंडस्ट्री में निवेश करने से पहले सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए।
अमेरिका की डिमांड और ओवर-सप्लाई का खतरा!
FY22 में भारत का PV एक्सपोर्ट $0.1 बिलियन से बढ़कर $2 बिलियन हो गया, क्योंकि अमेरिका ने चीन से दूरी बना ली। लेकिन अब Bernstein का कहना है कि –
➡️ अमेरिका में 52 GW के सोलर मॉड्यूल्स मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी पहले से मौजूद है और 19 GW का और काम जारी है।
➡️ 2025 तक अमेरिका की जरूरत 54 GW होगी, जो लोकल सप्लायर्स से ही पूरी हो सकती है।
➡️ ग्लोबल लेवल पर 600 GW की डिमांड के मुकाबले 1200 GW की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी बन चुकी है।
इसका मतलब यह है कि अतिरिक्त सप्लाई की वजह से कई कंपनियां मुश्किल में आ सकती हैं।
Waaree और Premier के स्टॉक्स पर कितना असर?
Premier Energies का स्टॉक कुछ ही महीनों में 100% बढ़ चुका है, जबकि इसका IPO प्राइस ₹450 था। Waaree Energies का स्टॉक भी अपने इश्यू प्राइस ₹1,503 से 60% ऊपर जा चुका है। हालाँकि Bernstein ने Waaree और Premier Energies के स्टॉक्स को डाउनग्रेड करते हुए उनके टारगेट प्राइस कम कर दिए हैं –
🔻 Waaree Energies – ₹1,902 (21% गिरावट का अनुमान)
🔻 Premier Energies – ₹693 (26% गिरावट का अनुमान)
अगर दोनों में से किसी एक को चुनना हो, तो Bernstein Waaree को प्रेफर करता है क्योंकि Waaree के पास बड़े इंटरनेशनल ऑर्डर्स हैं, जिससे इसे ज्यादा स्टेबिलिटी मिलेगी। Premier Energies की सेल कैपेसिटी ज्यादा है, लेकिन Waaree के इंटीग्रेटेड मॉडल की संभावनाएं बेहतर दिख रही हैं।
2027 के बाद क्या होगा?
Bernstein का कहना है कि 2027 के बाद जब इन कंपनियों की नई कैपेसिटी पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगी, तब मार्केट में ओवर-सप्लाई की वजह से इनके प्रॉफिट घट सकते हैं।
Waaree और Premier का वैल्यूएशन FY27 के लिए $6 बिलियन और $4 बिलियन आंका गया है, लेकिन कमाई में गिरावट के साथ ये और नीचे जा सकता है।
निवेशकों के लिए क्या करना सही रहेगा?
अगर आप इन कंपनियों में निवेश करने का सोच रहे हैं तो थोड़ा सतर्क रहना जरूरी है।
➡️ अगर पहले से होल्ड कर रहे हैं तो प्रॉफिट बुकिंग करने का सही मौका हो सकता है।
➡️ नए निवेशकों के लिए वैल्यूएशन पर ध्यान देना जरूरी है, क्योंकि कीमतें पहले ही ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी हैं।
➡️ आने वाले कुछ महीनों में मार्केट का ट्रेंड देखने के बाद ही लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट का फैसला लें।
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