AI का बढ़ता प्रभाव: बैंकिंग सेक्टर में 30-40% नौकरियों पर संकट, इन उद्योगों पर भी मंडरा रहा खतरा

Vidyut Paptwan | 23/02/2025
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क्या आपने कभी सोचा है कि टेक्नोलॉजी की दुनिया में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) कितनी तेजी से हमारे काम करने के तरीके को बदल रहा है? अगर नहीं, तो यह जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि AI न सिर्फ हमारे काम को आसान बना रहा है, बल्कि यह कई नौकरियों को पूरी तरह से खत्म भी कर सकता है। हाल ही में डॉयचे बैंक के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, बेरेंड ल्यूकर्ट ने एक बड़ा बयान दिया है, जिसने बैंकिंग सेक्टर में हड़कंप मचा दिया है। उन्होंने कहा कि AI और जेनरेटिव AI (ZEN AI) की वजह से बैंकिंग सेक्टर में 30 से 40% नौकरियां या तो बदल जाएंगी या फिर पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी। यह बयान उन्होंने बेंगलुरु में आयोजित ‘बैंक ऑन टेक‘ इवेंट के दौरान दिया।

AI to Replace 30-40 percent of Banking Jobs

क्या है AI का असली खेल?

पहले के जमाने में बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा लोगों को हायर करना पड़ता था। लेकिन अब टेक्नोलॉजी ने इस नियम को बदल दिया है। अब कंपनियां AI और ऑटोमेशन का इस्तेमाल करके बिना ज्यादा लोगों को हायर किए ही अपने रेवेन्यू और कस्टमर्स को बढ़ा रही हैं। यानी, अब काम करने के लिए इंसानों की जगह मशीनें ले रही हैं।

डॉयचे बैंक के ग्लोबल CIO, दिलीपकुमार खंडेलवाल ने भी इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि क्लाउड, AI और ZEN AI जैसी टेक्नोलॉजी बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव ला रही हैं। पहले जहां ज्यादा कस्टमर्स और रेवेन्यू के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत होती थी, वहीं अब टेक्नोलॉजी के जरिए यह काम बिना ज्यादा लोगों के ही हो रहा है।

क्या बैंकिंग सेक्टर में AI का मतलब नौकरियों का खत्म होना है?

बेरेंड ल्यूकर्ट के मुताबिक AI बैंकिंग सेक्टर में नौकरियों को पूरी तरह से बदल देगा। उन्होंने माना कि AI को अपनाने में कई चुनौतियां हैं। AI के रिजल्ट्स हमेशा पूर्वानुमानित नहीं होते और रेगुलेटर्स एक रूल-बेस्ड सिस्टम चाहते हैं ताकि वे आसानी से ऑडिट और ओवरसीट कर सकें। लेकिन फिर भी, उन्होंने यह भी कहा कि बैंकिंग इंडस्ट्री के लिए AI को अपनाना जरूरी है

क्या सिर्फ बैंकिंग सेक्टर ही प्रभावित होगा?

नहीं, AI का असर सिर्फ बैंकिंग सेक्टर तक सीमित नहीं है। BPO (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) सेक्टर पर भी AI का बड़ा असर देखने को मिलेगा। जेनरेटिव AI टूल्स, जैसे कि चैटबॉट्स, रूटीन कॉग्निटिव टास्क्स को आसानी से हैंडल कर सकते हैं। इसकी वजह से अगले एक दशक में BPO सेक्टर में नौकरियों में भारी गिरावट आ सकती है।

लेकिन, हर सेक्टर में AI का असर एक जैसा नहीं होगा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर AI का असर कम होने की उम्मीद है। इसकी वजह यह है कि इंडस्ट्रियल रोबोट्स इंसानी मजदूरी की तुलना में उतने फ्लेक्सिबल और कॉस्ट-इफेक्टिव नहीं हैं। यानी, फैक्ट्रियों में अभी भी इंसानी मजदूरों की जरूरत बनी रहेगी।

AI का सकारात्मक पहलू

हालांकि, AI सिर्फ नौकरियां खत्म करने के लिए नहीं है। यह कई सेक्टर्स में डेवलपमेंट गैप्स को पाटने में मदद कर सकता है। जैसे, हेल्थकेयर में AI मरीजों का बेहतर इलाज करने में मदद कर सकता है। वेदर प्रिडिक्शन में AI मौसम के पैटर्न को समझकर बेहतर भविष्यवाणियां कर सकता है। एजुकेशन सेक्टर में AI स्टूडेंट्स को पर्सनलाइज्ड लर्निंग एक्सपीरियंस दे सकता है।

क्या है भविष्य का रास्ता?

AI का मतलब यह नहीं है कि इंसानों की जरूरत पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। बल्कि, AI इंसानों की मदद करने के लिए है। यह सिस्टम डेटा को एनालाइज करके प्रोसेस को और एफिशिएंट बना सकते हैं, लेकिन इंसानी फैसले और देखरेख की जरूरत अभी भी बनी रहेगी। तो अगर आप भी अपनी नौकरी को लेकर चिंतित हैं, तो यह समय है कि आप खुद को AI के लिए तैयार करें। नई स्किल्स सीखें और टेक्नोलॉजी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलें। क्योंकि, भविष्य उन्हीं का है जो बदलाव के साथ खुद को ढाल सकते हैं।

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