आज की तेज़ी से बदलती दुनिया में हर कोई टेक्नोलॉजी से जुड़ने की कोशिश कर रहा है। चाहे वो प्राइवेट सेक्टर हो या सरकारी कर्मचारी, सभी को अपने काम के तरीके को बदलना होगा। एक समय था जब सरकारी नौकरी का मतलब था जीवन भर की सुरक्षा, लेकिन अब AI (Artificial Intelligence) जैसी नई टेक्नोलॉजी आ गई है। अगर सरकारी कर्मचारी आज भी पुराने सिस्टम पर काम करते रहेंगे, तो शायद कल उनकी जगह AI एक्सपर्ट ले लें।
AI कैसे बदल रहा है काम करने का तरीका?
AI का यूज अब हर तरह के कामों में हो रहा है, चाहे वो डेटा एनालिसिस हो, ईमेल ऑटोमेशन हो या फिर रिपोर्ट्स जनरेट करना हो। पहले जहां एक आदमी को घंटों लग जाते थे, अब AI उसे मिनटों में कर सकता है। AI मशीनें ना सिर्फ तेजी से काम करती हैं, बल्कि वो गलती भी कम करती हैं। इससे काम की गुणवत्ता भी बढ़ती है और समय की बचत भी होती है। उदाहरण के तौर पर, जहाँ पहले 10 लोगों को एक डेटा शीट बनाने में 1 दिन लगता था, AI उसे चंद मिनटों में कर सकता है।
सरकारी कर्मचारी अब भी पुराने सिस्टम पर करते हैं काम?
सरकारी दफ्तरों में आज भी कई कर्मचारी पुराने तरीकों से काम कर रहे हैं। वे एक्सेल शीट्स में डेटा एंट्री करते हैं, फाइलें संभालते हैं और रिपोर्ट्स बनाते हैं। जहां एक प्राइवेट कंपनी में AI और ऑटोमेशन ने कई जॉब्स को स्मार्ट बना दिया है, वहीं सरकारी कर्मचारी अभी भी पुराने सिस्टम से जूझ रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि उनका काम धीमा होता है और इसमें गलतियों की संभावना भी बढ़ जाती है।
सरकारी कर्मचारियों को होना होगा अपग्रेड
अब समय आ गया है कि सरकारी कर्मचारी भी AI जैसी नई तकनीकों को सीखें। यह न सिर्फ उनके काम को आसान बनाएगा, बल्कि उनके करियर को भी सुरक्षित करेगा। आइए समझते हैं कि कैसे AI सरकारी कर्मचारियों के काम को बदल सकता है:
- LDC (Lower Division Clerk): LDCs का मुख्य काम फाइलिंग, डेटा एंट्री और बेसिक रिकॉर्ड मेनटेन करना होता है। AI इन कामों को ऑटोमेट कर सकता है। एक AI सिस्टम कुछ ही सेकंड्स में सभी जरूरी डेटा को सही ढंग से एंट्री कर सकता है, जिसे एक LDC करने में घंटों लग जाते हैं।
- डेटा एंट्री ऑपरेटर: डेटा एंट्री ऑपरेटर का काम होता है बड़े डेटा को फाइलों में मैन्युअली एंट्री करना। AI बेस्ड सॉफ्टवेयर इस काम को बिना किसी गलती के और बहुत तेजी से कर सकते हैं। ऐसे में अगर एक ऑफिस में 5 डाटा एंट्री ऑपरेटर हैं, तो एक AI एक्सपर्ट अकेले उन सभी का काम कर सकता है।
- अकाउंटेंट: अकाउंटेंट्स का काम होता है वित्तीय रिकॉर्ड्स को मेनटेन करना। AI की मदद से वे आसानी से इनवॉइस जनरेट कर सकते हैं, ट्रांजेक्शन्स को ट्रैक कर सकते हैं और फाइनेंशियल रिपोर्ट्स भी मिनटों में तैयार कर सकते हैं। जहां पहले ये काम एक दिन में होता था, AI से वो कुछ ही समय में संभव हो जाता है।
उदाहरण से समझें
मान लीजिए एक सरकारी ऑफिस में 5 LDC काम करते हैं, जो रोजाना एक्सेल फाइल्स में डेटा एंट्री, रिपोर्ट्स जनरेट करना और फाइलों को ऑर्गेनाइज करने का काम करते हैं। अगर इसी काम के लिए AI सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाए, तो एक ही कर्मचारी पूरे ऑफिस का काम अकेले कर सकता है। AI सॉफ्टवेयर न सिर्फ तेजी से काम करेगा, बल्कि उसमें गलती की संभावना भी कम होगी।
सरकारी कर्मचारी कैसे सीख सकते हैं AI?
अब सवाल यह है कि सरकारी कर्मचारी AI कैसे सीख सकते हैं? तो इसका जवाब है – सरकार को अपने कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम्स और वर्कशॉप्स का आयोजन करना चाहिए। इससे कर्मचारियों को नई तकनीकों को समझने और उन्हें अपने काम में शामिल करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे You Tube, Coursera, Udemy और सरकारी पोर्टल्स भी AI की बेसिक ट्रेनिंग उपलब्ध कराते हैं।
सरकारी कर्मचारियों को इस ट्रेनिंग को गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि अगर उन्होंने इसे नहीं सीखा तो हो सकता है कि आने वाले समय में उनकी जगह AI एक्सपर्ट्स ले लें। खुद को अपग्रेड करना आज के समय की जरूरत है, और AI सीखना उसी का हिस्सा है।
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