अगर आपका सपना मॉडलिंग इंडस्ट्री में करियर बनाने का है, तो यह खबर आपके लिए बड़ी चौंकाने वाली हो सकती है। क्योंकि अब इस इंडस्ट्री में इंसानों की जगह AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) मॉडल्स ले रहे हैं। जी हां, सही सुना आपने! अब कपड़े पहनकर पोज़ देने से लेकर ब्रांड्स को प्रमोट करने तक का काम AI मॉडल्स कर रहे हैं। और यह सिर्फ एक ट्रेंड नहीं है, बल्कि यह इंडस्ट्री को पूरी तरह से बदल रहा है।

AI मॉडल्स का बोलबाला
पहले मॉडलिंग इंडस्ट्री में इंसानी चेहरे और बॉडीज का ही दबदबा था। लेकिन अब AI मॉडल्स ने इस इंडस्ट्री में तूफान ला दिया है। इन मॉडल्स को कंप्यूटर प्रोग्राम्स के जरिए बनाया जाता है और यह हर वो काम कर सकते हैं जो एक इंसानी मॉडल करता है। फिर चाहे वो फैशन शो हो, प्रोडक्ट प्रमोशन हो या फिर सोशल मीडिया कैंपेन।
एक उदाहरण है ऐताना लोपेज (Aitana Lopez)। यह कोई इंसान नहीं, बल्कि एक AI मॉडल है जिसे स्पेन की कंपनी ‘द क्लूलस’ ने बनाया है। यह मॉडल कपड़ों से लेकर एक्सेसरीज तक की मॉडलिंग करती है और हर महीने करीब 9 लाख रुपये कमाती है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह मॉडल इंसानों की तरह ही दिखती है और उन्हीं की तरह काम भी करती है।
इंसानी मॉडल्स का क्या होगा?
अब सवाल यह उठता है कि क्या AI मॉडल्स इंसानी मॉडल्स की जगह ले लेंगे? इसका जवाब थोड़ा मिश्रित है। एक तरफ तो AI मॉडल्स ने काम को आसान और सस्ता बना दिया है। उदाहरण के लिए, फ्रेंच आल्प्स में स्की आईवियर का फोटोशूट करवाने में कई महीने लग सकते हैं और करीब 32 लाख रुपये खर्च हो सकते हैं। लेकिन AI की मदद से यही काम कुछ ही दिनों में सिर्फ 45 हजार रुपये में हो सकता है।
लेकिन दूसरी तरफ, इंसानी मॉडल्स के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है। खासकर छोटी कंपनियों के लिए, जो असली मॉडल्स को अफोर्ड नहीं कर सकतीं, AI मॉडल्स एक बेहतर विकल्प बन गए हैं।
इंसान और AI का साथ
हालांकि, कुछ मॉडल्स ने AI को अपना साथी बना लिया है। जैसे एलेक्सेंड्रा गोंडोरा (Alexsandrah Gondora), जो लंदन की एक मॉडल हैं। उन्होंने अपनी एक AI कॉपी बनाई है, जिसकी मदद से वो एक ही समय में दो जगह काम कर पाती हैं। एलेक्सेंड्रा का कहना है कि यह समय बचाने वाला तरीका है और इससे उन्हें अपने करियर में और आगे बढ़ने में मदद मिली है।
AI मॉडल्स का इतिहास
AI मॉडल्स की शुरुआत साल 2017 से हुई थी। शुडु ग्राम (Shudu Gram) दुनिया की पहली डिजिटल सुपरमॉडल हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 2.37 लाख फॉलोअर्स हैं। यह साबित करता है कि AI मॉडल्स सिर्फ एक ट्रेंड नहीं हैं, बल्कि यहां टिके रहने के लिए हैं।
AI मॉडल्स ने सुंदरता के नए मानक भी बना दिए हैं। यह मॉडल्स बिल्कुल परफेक्ट दिखते हैं, जिससे लोगों में यह धारणा बन सकती है कि असली इंसान भी ऐसे ही दिखने चाहिए। इससे सुंदरता के अवास्तविक मानक बढ़ सकते हैं, जो समाज के लिए चिंता का विषय है।
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