AI को सबसे पहले अनगिनत डेटा, जिसे "ट्रेनिंग डेटा" कहा जाता है, से भरा जाता है।

इस डेटा से AI पैटर्न्स और संरचनाएं समझना शुरू करता है, जिसे 'मशीन लर्निंग' कहते हैं।

बार-बार एक ही डेटा मिलने से AI खुद को सुधारता जाता है और बेहतर होता जाता है।

AI के न्यूरल नेटवर्क्स हमारे दिमाग की तरह काम करते हैं, लेकिन यह बहुत तेजी से सटीक जवाब ढूंढता है।

किसी सवाल का जवाब ढूंढते समय AI सेकेंड्स में हजारों डेटा पॉइंट्स से मैच कराकर तुरंत जवाब देता है।

एडवांस्ड एल्गोरिद्म AI को जटिल समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं और वो भी बेहद कम समय में।

AI की असली ताकत इसकी क्षमता है, जो हमारी सोच से भी ज्यादा तेज और प्रभावी हो सकती है।