कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आज हमारी जिंदगी के हर पहलू को छू रही है, लेकिन सोचिए अगर यही AI किसी रिश्ते को तोड़ने का जरिया बन जाए तो? हाल ही में ऐसा ही हुआ ‘Godfather of AI’ कहे जाने वाले Geoffrey Hinton के साथ। 77 वर्षीय हिन्टन, जिन्होंने पिछले साल फिजिक्स में Nobel Prize जीता था, ने खुद खुलासा किया कि उनकी गर्लफ्रेंड ने उनसे ब्रेकअप का फैसला सुनाने के लिए ChatGPT का सहारा लिया। हिन्टन ने बताया कि उनकी एक्स ने चैटबॉट से पूछा कि उन्होंने किस तरह “एक बुरा इंसान” (rat) जैसा व्यवहार किया और फिर वही AI-जनरेटेड जवाब उन्हें सुना दिया।

जब तकनीक बनी रिश्तों की जज
हिन्टन ने इंटरव्यू में कहा – “She got ChatGPT to tell me what a rat I was” यानी उनकी एक्स ने AI को यह जिम्मेदारी दी कि वह उनके व्यवहार की गलतियां गिनाए। हालांकि यह सुनकर हिन्टन को खास दुख नहीं हुआ क्योंकि उनका मानना था कि उन्होंने वैसा कुछ किया ही नहीं। उल्टा उन्होंने हल्के अंदाज में कहा – “मुझे किसी और से मिलने का मौका मिल गया और जिंदगी ऐसे ही चलती है।”
यह वाकया दिखाता है कि AI अब सिर्फ टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इमोशनल स्पेस तक भी दखल दे रहा है। रिश्तों में बातचीत और फैसले अब इंसान नहीं, बल्कि मशीन भी तय करने लगी है। दिलचस्प बात यह है कि खुद हिन्टन ने ही उस तकनीक के विकास में अहम भूमिका निभाई थी, जो अब उनकी निजी जिंदगी में भी आ गई।
AI का खतरा और भविष्य की चिंताएं
हालांकि यह ब्रेकअप वाकया मजाकिया लग सकता है, लेकिन हिन्टन लंबे समय से AI के खतरों को लेकर चेतावनी देते आए हैं। उन्होंने पहले कहा था कि AI सफेदपोश नौकरियों को तेजी से खत्म कर सकता है और आने वाले समय में यह इंसानों से कहीं ज्यादा स्मार्ट हो जाएगा। दिसंबर में उन्होंने यहां तक दावा किया था कि अगले 30 सालों में 10% से 20% संभावना है कि AI मानव जाति के लिए extinction risk पैदा कर सकता है।
दूसरी ओर, OpenAI खुद भी इस तरह की स्थितियों से बचना चाहता है। हाल ही में कंपनी ने कहा कि ChatGPT को अब ऐसे सवालों पर सीधे जवाब देने से रोका जाएगा जैसे – “क्या मुझे अपने पार्टनर से ब्रेकअप करना चाहिए?”। इसके बजाय AI अब यूजर्स को गाइड करेगा और उनसे सवाल पूछकर सही निर्णय तक पहुंचने में मदद करेगा।
तकनीक कितनी भी एडवांस हो जाए, लेकिन यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि जब इंसानी रिश्तों का भविष्य भी मशीनों पर टिका हो, तो कहीं हम अपने ही बनाए सिस्टम के गुलाम न बन जाएं। Geoffrey Hinton का अनुभव सिर्फ एक ब्रेकअप की कहानी नहीं, बल्कि AI और इंसान के रिश्ते की बदलती दिशा का संकेत भी है।