पटना के मशहूर Super 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने हाल ही में OpenAI Education Summit में एक अहम संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बदलते समय में टीचर्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से डरने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि उसे अपनाना चाहिए। आनंद कुमार, जिन्होंने सैकड़ों गरीब छात्रों को IIT तक पहुंचाया है, मानते हैं कि अगर टीचर्स AI का सही इस्तेमाल करेंगे तो शिक्षा की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।

क्यों ज़रूरी है टीचर्स के लिए AI अपनाना
आनंद कुमार ने कहा कि आज की क्लासरूम तेज़ी से बदल रही है। स्मार्ट क्लास, वर्चुअल क्लासरूम और AI टूल्स बच्चों के सीखने के तरीके को नया रूप दे रहे हैं। ऐसे में अगर टीचर्स अपनी स्किल्स अपडेट नहीं करेंगे, तो वे पीछे रह जाएंगे। उनका मानना है कि जैसे छात्रों को लगातार सीखने और प्रयोग करने की सलाह दी जाती है, वैसे ही शिक्षकों को भी हमेशा नया सीखते रहना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि बदलाव ही प्रकृति का नियम है। अगर टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है तो उसे रोकना नामुमकिन है। बेहतर यही होगा कि टीचर्स बदलाव को स्वीकारें और नए जमाने के साथ कदम मिलाकर चलें।
AI से मिलेंगे टीचर्स को ये 5 बड़े फायदे
आनंद कुमार ने पांच ऐसे सबक बताए, जिनसे टीचर्स को भविष्य की क्लासरूम में फायदा मिल सकता है:
- पर्सनलाइज्ड लर्निंग: AI हर बच्चे की सीखने की क्षमता के हिसाब से पढ़ाई आसान बना सकता है।
- कम एडमिनिस्ट्रेटिव बोझ: मार्किंग, रिपोर्ट कार्ड और डेटा एनालिसिस जैसे काम AI संभाल सकता है।
- रीयल-टाइम फीडबैक: बच्चे कहां अटक रहे हैं, यह तुरंत पता लगाया जा सकता है।
- क्रिएटिविटी पर फोकस: टीचर्स ज्यादा समय बच्चों की सोच और विश्लेषण को निखारने में लगा पाएंगे।
- नए अवसरों की तैयारी: AI बच्चों को भविष्य के जॉब्स और चुनौतियों के लिए तैयार कर सकता है।
लेकिन उन्होंने चेतावनी भी दी कि AI को सिर्फ सहायक के रूप में इस्तेमाल किया जाए, न कि उस पर पूरी तरह निर्भर हुआ जाए। उनका कहना था – “AI को हमें सपोर्ट सिस्टम की तरह इस्तेमाल करना चाहिए, जो दिमाग की सोचने की क्षमता को और बढ़ा सके, न कि उसे कम कर दे।”
भारत में AI का बढ़ता असर
आनंद कुमार का यह संदेश ऐसे समय आया है, जब OpenAI ने भारत में अपना पहला ऑफिस खोलने का ऐलान किया है। कंपनी के CEO सैम ऑल्टमैन ने कहा कि भारत में ChatGPT के यूज़र्स पिछले साल की तुलना में चार गुना बढ़ गए हैं। सरकार भी AI इकोसिस्टम बनाने पर जोर दे रही है।
आनंद कुमार ने ज़ोर देकर कहा कि टीचर्स को भी इस बड़े विज़न का हिस्सा बनना चाहिए। अगर वे AI कंपनियों के साथ मिलकर नए प्रयोग करेंगे, तो शिक्षा का स्तर और ऊंचा होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अब बच्चों को सिर्फ एग्ज़ाम पास करने के लिए नहीं, बल्कि तेज़ी से बदलते भविष्य के लिए तैयार करना ज़रूरी है।
आनंद कुमार का संदेश साफ है – AI कोई खतरा नहीं है, बल्कि एक अवसर है। अगर टीचर्स इसे अपनाते हैं और लगातार अपनी स्किल्स अपग्रेड करते हैं, तो आने वाली पीढ़ी न सिर्फ नॉलेज में मजबूत होगी, बल्कि हर बदलती परिस्थिति में खुद को साबित करने में भी सक्षम होगी।