AI भी निकला मम्मियों जैसा! अब बैंक और इंटरनेट बिल पर करेगा जबरदस्त मोलभाव

Vidyut Paptwan | 28/08/2025
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हर भारतीय जानता है कि बाजार में मोलभाव करने में हमारी मम्मियां सबसे आगे रहती हैं। दुकानदार कितना भी सख्त क्यों न हो, मम्मी अपनी बात मनवाकर ही दम लेती हैं। लेकिन अब सोचिए, यही हुनर अगर आपके पास ऑनलाइन भी हो, तो कैसा रहेगा? जी हां, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ ऑफिस वर्क, पढ़ाई या कंटेंट बनाने तक ही सीमित नहीं है। यह आपकी जेब बचाने में भी मदद कर सकता है। हाल ही में एक रिपोर्ट और कुछ एक्सपर्ट्स ने यह साबित किया है कि AI चैटबॉट्स, खासकर ChatGPT, मोलभाव करने में भी उतने ही माहिर हैं जितनी हमारी मम्मियां है।

कैसे करता है AI मोलभाव?

AI चैटबॉट्स का दिमाग इस तरह तैयार किया गया है कि वे इंसानों की बातचीत को समझकर बेहतर जवाब दें। जब बात नेगोशिएशन यानी मोलभाव की आती है, तो ये ऐसे-ऐसे तर्क देते हैं कि सामने वाला व्यक्ति झुक ही जाए। उदाहरण के तौर पर, यदि आपका इंटरनेट बिल बहुत ज्यादा आ रहा है या बैंक ने आपसे अतिरिक्त फीस काट ली है, तो AI आपको एक पूरी स्क्रिप्ट बनाकर देगा। इस स्क्रिप्ट में तार्किक बातें, विनम्र भाषा और मजबूत पॉइंट्स होंगे, जिन्हें आप सीधे सर्विस प्रोवाइडर से कह सकते हैं।

फ्रीलांस जर्नलिस्ट अमांडा स्मिथ ने खुद इसका प्रयोग किया और पाया कि ChatGPT ने उन्हें एक ऐसी लाइन-बाय-लाइन स्क्रिप्ट दी, जिसे इस्तेमाल करके उन्होंने अपने इंटरनेट प्रोवाइडर से बिल कम करवाने में सफलता पाई।

बैंक और इंटरनेट बिल में मिल सकती है राहत

मान लीजिए आपके बैंक ने गलती से कोई ट्रांजैक्शन फीस काट ली है या इंटरनेट कंपनी ने आपसे ज्यादा चार्ज ले लिया है। ऐसे में आप खुद सीधे शिकायत करें तो शायद ही आपकी बात सुनी जाए। लेकिन अगर आप ChatGPT से एक स्क्रिप्ट तैयार करवाकर बात करें, तो आपके पास सही तर्क होंगे।

एक यूजर ने बताया कि AI ने उन्हें सलाह दी कि बैंक से बात करते समय पहले अपने लॉयल कस्टमर होने का जिक्र करें, फिर विनम्र भाषा में फीस माफ करने की रिक्वेस्ट करें। इस तरह की बातचीत अक्सर असरदार साबित होती है, क्योंकि कंपनियां अपने पुराने ग्राहकों को बनाए रखने के लिए छूट देने को तैयार रहती हैं।

सही प्रॉम्प्ट से मिलेगा सही नतीजा

AI से मोलभाव कराने का असली खेल प्रॉम्प्ट में छिपा है। यदि आप इसे साफ और सटीक जानकारी देंगे, तो यह आपके लिए बेहतरीन स्क्रिप्ट तैयार कर देगा। जैसे एक उदाहरण में, यूजर ने लिखा— “नमस्ते, मैं XYZ हूँ। मैं पिछले 4 साल से ABC का ग्राहक हूँ और हर महीने 599 रुपये देता हूँ। मैं बिल कम करना चाहता हूँ लेकिन प्लान डाउनग्रेड नहीं करना चाहता। क्या कोई लॉयल्टी डिस्काउंट या सालाना भुगतान पर ऑफर है? नए ग्राहकों के लिए प्रमोशनल रेट्स दिख रहे हैं, क्या मेरा बिल भी कम हो सकता है?”

इस स्क्रिप्ट को देखकर साफ है कि AI सिर्फ तर्क ही नहीं देता, बल्कि उसे सही अंदाज में पेश भी करता है। और यही तरीका आपकी जेब पर भारी बिलों का बोझ हल्का कर सकता है।

आखिर में कहा जा सकता है कि जिस तरह हमारी मम्मियां सब्जी के दाम कम करवा लेती हैं, उसी तरह AI अब बैंक और इंटरनेट कंपनियों से भी छूट दिला सकता है। फर्क बस इतना है कि अब यह खेल बाजार से निकलकर आपके स्मार्टफोन और लैपटॉप की स्क्रीन पर खेला जा रहा है।


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