टेक्नोलॉजी की दुनिया में सबसे बड़ी हलचल मचाने वाला खुलासा सामने आया है। कोर्ट में दायर दस्तावेज़ों से यह जानकारी सामने आई है कि एलन मस्क और मार्क जुकरबर्ग ने मिलकर OpenAI को खरीदने की कोशिश की थी। बताया जा रहा है कि यह डील लगभग 97.4 बिलियन डॉलर की हो सकती थी। अगर यह सौदा हो जाता, तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया पूरी तरह बदल सकती थी।

मस्क और जुकरबर्ग की गुप्त मीटिंग
खबरों के मुताबिक, xAI के फाउंडर एलन मस्क ने Meta के सीईओ मार्क जुकरबर्ग से मुलाकात की थी। इस मीटिंग का मकसद था OpenAI को खरीदने के लिए एक कंसोर्टियम तैयार करना। कोर्ट फाइलिंग्स में दावा किया गया है कि मस्क ने जुकरबर्ग को एक लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) भेजा था और निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की थी। हालांकि, Meta और जुकरबर्ग ने इस पर कोई दस्तखत नहीं किए और मामला वहीं ठहर गया। अगर दोनों कंपनियां साथ आ जातीं तो यह एआई वॉर का अंत माना जा सकता था।
एलन मस्क बनाम सैम ऑल्टमैन
एलन मस्क और सैम ऑल्टमैन कभी दोस्त हुआ करते थे, लेकिन OpenAI के उभरने के बाद दोनों के रिश्ते कटु हो गए। मस्क का आरोप है कि ऑल्टमैन ने OpenAI को गैर-लाभकारी संस्था से बदलकर एक प्रॉफिट-ओरिएंटेड कंपनी में तब्दील कर दिया है। इसी कारण मस्क ने OpenAI के खिलाफ मुकदमा दायर किया और कंपनी को रोकने की कोशिश की। जवाब में OpenAI ने कोर्ट में दावा किया कि मस्क की यह बोली सिर्फ एक “शैम बिड” थी, जिसने उनके बिजनेस को नुकसान पहुंचाया।
Meta पर भी उठे सवाल
OpenAI ने अपने कानूनी दस्तावेजों में यह भी कहा है कि Meta ने आक्रामक रणनीति अपनाते हुए टॉप एआई रिसर्चर्स को 100 मिलियन डॉलर से ज्यादा के पैकेज ऑफर किए और OpenAI के कर्मचारियों को लुभाने की कोशिश की। यह भी आरोप है कि Meta भारी निवेश कर अपने एआई प्रोजेक्ट्स को तेज़ी से आगे बढ़ा रहा है। हालांकि Meta की ओर से इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
टेक जगत में यह खुलासा किसी भूचाल से कम नहीं है। अगर मस्क और जुकरबर्ग का यह गठजोड़ सफल हो जाता, तो OpenAI का भविष्य पूरी तरह बदल सकता था और शायद एआई वॉर का नया चेप्टर शुरू हो जाता। फिलहाल, मामला कोर्ट में है और आने वाले समय में और बड़े खुलासे सामने आने की उम्मीद है