आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में सबसे बड़ा नाम बन चुका OpenAI अब भारत में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने जा रहा है। कंपनी ने आधिकारिक तौर पर भारत में अपनी यूनिट स्थापित कर ली है और इस साल के अंत तक नई दिल्ली में अपना पहला ऑफिस खोलने की तैयारी कर रही है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब भारत में ChatGPT की लोकप्रियता चार गुना बढ़ चुकी है। आंकड़े बताते हैं कि भारत न केवल ChatGPT का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार है, बल्कि यहां सबसे ज्यादा छात्र इस AI टूल का इस्तेमाल कर रहे हैं।

OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा, “भारत में एआई को लेकर उत्साह और अवसर अविश्वसनीय हैं। हमारे पास यहां बेहतरीन टेक टैलेंट, डेवलपर्स का मजबूत इकोसिस्टम और सरकार का सपोर्ट मौजूद है। यही वजह है कि भारत में हमारी पहली टीम और ऑफिस खोलना एक बड़ा कदम है।”
ChatGPT Go और भारतीय यूजर्स के लिए नए फीचर्स
दिल्ली में पहला ऑफिस खोलने का ऐलान OpenAI के भारत-विशेष सब्सक्रिप्शन प्लान के बाद हुआ है। कंपनी ने हाल ही में ChatGPT Go प्लान लॉन्च किया है, जिसकी कीमत सिर्फ ₹399 प्रति माह रखी गई है। इसमें भारतीय यूजर्स के लिए UPI इंटीग्रेशन की सुविधा दी गई है, ताकि आसानी से भुगतान किया जा सके।
इसके अलावा, OpenAI ने भारतीय भाषाओं पर भी खास ध्यान दिया है। GPT-5 मॉडल को इस तरह से ट्रेन किया गया है कि यह हिंदी समेत अन्य भारतीय भाषाओं को बेहतर ढंग से समझ और इस्तेमाल कर सके। साथ ही “Study Mode” नाम का नया फीचर भी जोड़ा गया है, जो छात्रों को इंटरैक्टिव तरीके से पढ़ाई में मदद करता है। यही कारण है कि छात्र वर्ग में ChatGPT का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है।
सरकार और इंडस्ट्री के साथ साझेदारी
OpenAI न केवल यूजर्स तक सीमित रहना चाहता है, बल्कि भारतीय सरकार और इंडस्ट्री के साथ मिलकर भी काम कर रहा है। कंपनी IndiaAI Mission के तहत साझेदारी कर रही है ताकि एआई का लाभ देश के हर नागरिक तक पहुंचे। केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी इस पहल का स्वागत किया और कहा कि भारत विश्वस्तरीय एआई इकोसिस्टम बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
OpenAI भारत में शिक्षा और टेक्नोलॉजी सेक्टर को भी मजबूत करने की तैयारी में है। कंपनी जल्द ही अपना पहला Education Summit आयोजित करेगी और इसी साल के अंत तक भारत का पहला Developer Day भी आयोजित करने की योजना है। इसके लिए कंपनी ने लोकल टीम की हायरिंग भी शुरू कर दी है, जो बिज़नेस, डेवलपर्स और अकादमिक संस्थानों के साथ संबंध मजबूत करेगी।