Altman का कबूलनामा! GPT-5 लॉन्च में की भारी गलती, यूज़र्स ने किया बवाल

Vidyut Paptwan | 17/08/2025
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OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि GPT-5 का लॉन्च उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा और कंपनी ने इसमें भारी गलती की। गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान ऑल्टमैन ने खुद कबूल किया कि रोलआउट सही तरीके से मैनेज नहीं किया गया। उन्होंने साफ कहा, “हमसे कुछ चीजें पूरी तरह गड़बड़ हो गईं।” यह बयान उस समय आया है जब यूज़र्स सोशल मीडिया पर लगातार अपनी नाराज़गी जाहिर कर रहे थे और कई सब्सक्राइबर्स ने प्लान कैंसल करने की धमकी भी दी।

GPT-5 से जुड़ी उम्मीदें और हकीकत

दरअसल, GPT-5 को ऑल्टमैन ने महीनों से “AI की अगली बड़ी छलांग” बताकर पेश किया था। लॉन्च से पहले कंपनी का दावा था कि नया मॉडल कोडिंग, रीजनिंग, हेल्थ और मल्टीमॉडल एबिलिटी में पुराने सभी वर्ज़न से कई कदम आगे होगा। लेकिन जैसे ही GPT-5 यूज़र्स के हाथ आया, शिकायतों की बाढ़ आ गई। यूज़र्स का कहना था कि नया मॉडल पहले की तुलना में छोटे-छोटे जवाब देता है और इसमें इंसानी इमोशनल टच की कमी है। कई लोगों ने तो इसे “ठंडा और बेजान” तक कह डाला।

लॉन्च के तुरंत बाद शुरू हुआ बवाल

सबसे बड़ी गलती यह रही कि OpenAI ने GPT-5 लॉन्च के तुरंत बाद अपने सभी पुराने मॉडल बंद कर दिए। इससे लाखों पुराने यूज़र्स नाराज़ हो गए, जो GPT-4o और पुराने वर्ज़न पर भरोसा करते थे। आलोचनाओं की बाढ़ देखते हुए कंपनी को जल्दी ही बैकफुट पर आना पड़ा और GPT-4o को फिर से Plus यूज़र्स के लिए उपलब्ध कराना पड़ा। इसके साथ ही कंपनी ने GPT-5 Standard और Thinking मॉडल्स पर एक्स्ट्रा लिमिट्स भी जोड़े ताकि यूज़र्स को लचीलापन मिल सके।

ऑल्टमैन का कबूलनामा और आगे की राह

ऑल्टमैन ने माना कि सैकड़ों मिलियन यूज़र्स के लिए एक ही दिन में प्रोडक्ट अपग्रेड करना आसान नहीं होता। उन्होंने कहा कि लोगों का ChatGPT के साथ भावनात्मक जुड़ाव है और इसे नज़रअंदाज़ करना उनकी गलती थी। हालांकि उन्होंने यह भी दावा किया कि लॉन्च के बाद API ट्रैफिक दोगुना हो गया और ChatGPT ऐप का इस्तेमाल रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। लेकिन इस बार GPT-4o की तरह कोई “क्रेज़” देखने को नहीं मिला।

OpenAI हाल ही में 700 मिलियन वीकली यूज़र्स तक पहुंच चुका है और GPT-5 को इसी ग्रोथ को आगे बढ़ाने का जरिया माना जा रहा था। मगर इस रोलआउट ने कंपनी को यह सिखा दिया कि सिर्फ टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट काफी नहीं है, बल्कि यूज़र एक्सपीरियंस और भरोसा भी उतना ही ज़रूरी है। अब देखना होगा कि कंपनी आने वाले अपडेट्स में इस गलती से कितना सीखती है और यूज़र्स का विश्वास फिर से जीत पाती है या नहीं।


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