OpenAI का नया GPT-5 मॉडल अब लॉन्च के बेहद करीब है और इससे जुड़ी शुरुआती जानकारी सामने आनी शुरू हो चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ एक्सक्लूसिव यूज़र्स को GPT-5 को पहले से टेस्ट करने का मौका मिला है और उन्होंने इसके बारे में कई रोचक बातें बताई हैं। खासतौर पर कोडिंग और मैथ्स जैसी तकनीकी चीज़ों में GPT-5 की परफॉर्मेंस काफी बेहतर मानी जा रही है। लेकिन कुछ लोगों का यह भी कहना है कि GPT-3 से GPT-4 तक जो “जादुई छलांग” देखने को मिली थी, वैसा कमाल GPT-5 में नहीं दिख रहा।

कोडिंग और मैथ्स में हैवी अपग्रेड
GPT-5 की सबसे बड़ी खासियत इसकी तगड़ी कोडिंग और लॉजिकल प्रॉब्लम सॉल्विंग कैपेसिटी है। दो शुरुआती टेस्टर्स ने बताया कि GPT-5 साइंस, मैथ और प्रोग्रामिंग से जुड़े सवालों को बहुत बेहतर तरीके से हल करता है। इसका मतलब है कि जो यूज़र्स टेक्निकल या स्टडी से जुड़े टास्क्स के लिए ChatGPT का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें अब और ज्यादा मज़ा आने वाला है। GPT-5 में “test-time compute” नाम की एक नई टेक्नोलॉजी जोड़ी गई है, जो मुश्किल टास्क को हल करने के लिए ज्यादा कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल करती है, जिससे यह मॉडल पहले से ज्यादा डीप और स्मार्ट डिसीजन ले सकता है।
GPT-4 जैसा जादू नहीं दोहराया गया?
GPT-3 से GPT-4 का अपग्रेड बहुत ही धमाकेदार था। GPT-3.5 जहां बार एग्जाम में नीचे के 10% में स्कोर करता था, वहीं GPT-4 टॉप 10% में पहुंच गया था। इसी कारण GPT-5 को लेकर उम्मीदें भी बहुत ज्यादा थीं। लेकिन शुरुआती रिपोर्ट्स के मुताबिक, GPT-5 उतना बड़ा लीप नहीं है। इसकी एक वजह यह भी है कि OpenAI को इस बार डेटा की कमी और स्केलिंग की लिमिट का सामना करना पड़ा। इंटरनेट से लिए जाने वाले डेटा का स्टॉक धीरे-धीरे खत्म हो रहा है और नया यूनिक ह्यूमन-जेनरेटेड डेटा ढूंढना अब और मुश्किल हो गया है। साथ ही, इतने बड़े मॉडल को ट्रेन करने के दौरान हार्डवेयर फेल्योर जैसी समस्याएं भी सामने आईं, जिससे पूरे ट्रेनिंग रन पर असर पड़ा।
GPT-5 से क्या-क्या हैं नई उम्मीदें
OpenAI के Applied Research हेड Boris Power ने हाल ही में सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें बेहद उत्सुकता है यह देखने की कि जनता GPT-5 को कैसे रिसीव करती है। वहीं AI इंडस्ट्री के कई बड़े इन्वेस्टर्स का मानना है कि GPT-5 सिर्फ एक चैटिंग टूल नहीं रहेगा, बल्कि अब यह पूरी तरह से ऑटोनॉमस टास्क्स को भी एक्सीक्यूट करने लायक बन सकता है। CEO Sam Altman ने पहले ही कहा है कि GPT-5 में बड़ी मॉडल्स और टेस्ट-टाइम कंप्यूट दोनों का मेल होगा, जिससे यह पहले से कहीं ज्यादा एडवांस काम कर पाएगा। मतलब अब GPT-5 सिर्फ जवाब देने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि खुद से काम करने वाले सिस्टम्स की नींव रखेगा।
अब AI बाजार में मचेगी और हलचल
GPT-4 के बाद से ही AI की रेस तेज हो गई थी। Google, Meta, Anthropic जैसी कंपनियां भी अपने जनरेटिव AI मॉडल्स लेकर आईं। Meta का LLaMA 3 और Google का Gemini जैसे मॉडल्स ने GPT-4 को कड़ी टक्कर दी। अब जब GPT-5 आने वाला है, तो ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह सभी को पछाड़ पाएगा या फिर खुद को सिर्फ एक मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित करेगा। फिलहाल, यूज़र्स बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं कि GPT-5 को आम जनता के लिए कब लॉन्च किया जाएगा। जो भी हो, इतना तय है कि आने वाला AI दौर और भी पावरफुल और कॉम्पिटिटिव होने वाला है।