आज के समय में जब खेती में लागत लगातार बढ़ती जा रही है, वहीं किसानों के पास बिजली या डीजल से चलने वाले पंप का खर्च उठाना भी मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में 1 HP सोलर पंप किसानों के लिए एक किफायती और स्थायी समाधान बनकर उभरा है। यह न सिर्फ बिजली के झंझट से मुक्ति दिलाता है, बल्कि लंबे समय तक फ्री में चलने वाला विकल्प भी बन जाता है। साल 2025 में सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए पीएम कुसुम योजना के तहत भारी सब्सिडी देना शुरू किया है, जिससे अब यह पंप लगवाना पहले की तुलना में काफी सस्ता हो गया है।

1 HP सोलर पंप की कीमत क्या है?
2025 के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, 1 HP सोलर पंप की कुल लागत करीब ₹45,000 से ₹60,000 के बीच होती है। इसमें वाटर पंप की कीमत लगभग ₹8,000 से ₹10,000 तक होती है, जबकि सोलर पैनलों की कीमत ₹40,000 से ₹45,000 के करीब होती है। हालांकि, यह पूरी राशि किसानों को खुद नहीं देनी पड़ती, क्योंकि सरकार इसमें भरपूर सहायता कर रही है।
यह पंप छोटे और मध्यम स्तर के खेतों के लिए एकदम उपयुक्त होता है, जो कि 8 घंटे तक बिना रुके चल सकता है। सोलर पंप का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें बिजली बिल या डीजल का खर्च नहीं होता, जिससे एक बार की लागत के बाद सालों तक इसका इस्तेमाल मुफ्त में किया जा सकता है।
कितनी सब्सिडी मिलती है सोलर पंप पर?
पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार 40% तक की सब्सिडी देती है। इसके अलावा राज्य सरकारें भी अलग-अलग राज्यों में 20% तक की अतिरिक्त सब्सिडी दे रही हैं। इतना ही नहीं, सरकार बैंक से 30% तक का आसान लोन भी अप्रूव करवा देती है। ऐसे में किसानों को अपनी जेब से केवल 10% या उससे भी कम राशि खर्च करनी पड़ती है।
उदाहरण के तौर पर अगर किसी किसान को ₹50,000 का सोलर पंप लगवाना है, तो उसमें केंद्र सरकार ₹20,000 की सब्सिडी देती है, राज्य सरकार ₹10,000 तक की सहायता कर सकती है, और ₹15,000 का लोन मिल जाता है। बची हुई केवल ₹5,000 की राशि किसान को खुद देनी होती है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में तो यह लागत और भी कम हो गई है, जहां योगी सरकार ने किसानों से सिर्फ 10% हिस्सा ही लेने का ऐलान किया है।
चलाने का खर्च कितना आता है?
सोलर पंप की सबसे खास बात यह है कि इसे चलाने में कोई बिजली या डीजल नहीं लगता। अगर एक किसान ₹50,000 का सोलर पंप लगवाता है और वह 20 साल तक चलता है, तो सालाना खर्च केवल ₹1,500 बनता है। महीने के हिसाब से यह ₹125 और प्रतिदिन के हिसाब से केवल ₹4.16 बैठता है। यानी एक कप चाय से भी कम खर्च में आपका खेत 8 घंटे तक सिंचाई कर सकता है।
ध्यान देने योग्य बातें
हालांकि सोलर पंप लगवाने से पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, अपने राज्य के कृषि या ऊर्जा विभाग से संपर्क करके यह जान लें कि वहां कितनी सब्सिडी दी जा रही है और प्रक्रिया क्या है। हर राज्य में नियम अलग हो सकते हैं। दूसरा, हमेशा किसी प्रमाणित और विश्वसनीय कंपनी से ही सोलर पंप खरीदें। कई बार सस्ता सामान देकर घटिया क्वालिटी बेचने वाले डीलर गुमराह करते हैं।
तीसरा, इंस्टॉलेशन का काम किसी एक्सपर्ट से ही करवाएं, ताकि सिस्टम पूरी क्षमता से काम कर सके और ज्यादा समय तक टिके। गलत तरीके से लगाया गया पंप जल्दी खराब हो सकता है और बिजली उत्पादन भी कम करेगा। अंत में, सरकारी पोर्टल या अधिकृत वेबसाइट से आवेदन करें, ताकि आपको समय पर सब्सिडी और लोन का लाभ मिल सके।
कैसे अप्लाई करें सब्सिडी के लिए?
सब्सिडी का फायदा उठाने के लिए आपको पीएम कुसुम योजना के तहत अप्लाई करना होगा। प्रोसेस कुछ इस तरह है:
- ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन: ऑफिशियल वेबसाइट pmkusum.mnre.gov.in या अपने राज्य की कृषि/नवीकरणीय ऊर्जा विभाग की वेबसाइट (जैसे हरियाणा में hareda.gov.in) पर जाएं।
- डॉक्यूमेंट्स: आधार कार्ड, खेत की जमाबंदी, बैंक डिटेल्स, और पासपोर्ट साइज फोटो तैयार रखें।
- वेंडर सलेक्शन: सरकार द्वारा अप्रूव्ड वेंडर से ही पंप लगवाएं, ताकि सब्सिडी मिलने में दिक्कत न हो।
- आवेदन की समय सीमा: 2025-26 के लिए कई राज्यों में आवेदन शुरू हो चुके हैं। उदाहरण के लिए, यूपी में 15 जनवरी 2025 तक आवेदन का मौका था।
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