ChatGPT बैन! भारत सरकार ने कर्मचारियों को किया अलर्ट – सरकारी कामों में AI टूल्स पर रोक

Vidyut Paptwan | 06/02/2025
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भारत के वित्त मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को एक बड़ा निर्देश जारी किया है। यह निर्देश AI टूल्स जैसे ChatGPT और DeepSeek को लेकर है। मंत्रालय ने कहा है कि ऑफिशियल कामकाज में इन AI टूल्स का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इससे सरकारी डेटा की गोपनीयता को खतरा हो सकता है। यह निर्देश OpenAI के CEO सैम अल्टमैन की भारत यात्रा से ठीक पहले आया है, जो की कल भारत के आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ बैठक किये है। 

India bans AI tools in government work

क्या है पूरा मामला?

वित्त मंत्रालय ने 29 जनवरी को एक इंटरनल एडवाइजरी जारी की, जिसमें कहा गया कि ऑफिस कंप्यूटर और डिवाइस पर AI टूल्स और ऐप्स (जैसे ChatGPT, DeepSeek आदि) का इस्तेमाल सरकारी डेटा और दस्तावेज़ों की गोपनीयता के लिए खतरनाक हो सकता है। इस एडवाइजरी के बाद सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई। तीन वित्त मंत्रालय अधिकारियों ने भी इस नोट की पुष्टि की है, जो इसी हफ्ते जारी किया गया था।

क्या सिर्फ भारत में ही है ऐसी चिंता?

नहीं, भारत अकेला देश नहीं है जो AI टूल्स को लेकर चिंतित है। ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों ने भी DeepSeek जैसे AI टूल्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इन देशों का कहना है कि यह टूल्स डेटा सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं। भारत में भी यही चिंता देखी जा रही है, खासकर तब जब सरकारी दस्तावेज़ों की बात आती है।

OpenAI और भारत का टकराव

OpenAI, जो ChatGPT का पैरेंट कंपनी है, भारत में पहले से ही कानूनी मुसीबतों में घिरी हुई है। देश के टॉप मीडिया हाउसेस के साथ OpenAI का कॉपीराइट इन्फ्रिंजमेंट का केस चल रहा है। OpenAI ने कोर्ट में कहा है कि उसके सर्वर भारत में नहीं हैं, इसलिए भारतीय अदालतों को इस मामले की सुनवाई नहीं करनी चाहिए। यह बयान OpenAI की मुश्किलों को और बढ़ा देता है।

क्या है AI टूल्स का खतरा?

AI टूल्स जैसे ChatGPT और DeepSeek बेहद शक्तिशाली हैं, लेकिन इनके इस्तेमाल से डेटा लीक होने का खतरा बना रहता है। जब सरकारी कर्मचारी इन टूल्स का इस्तेमाल करते हैं, तो संवेदनशील जानकारी इनके सर्वर पर स्टोर हो सकती है, जो बाद में गलत हाथों में पड़ सकती है। इसीलिए वित्त मंत्रालय ने इन टूल्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।

क्या यह सही फैसला है?

कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला सही है, क्योंकि सरकारी डेटा की सुरक्षा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि AI टूल्स के बिना काम करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि ये टूल्स काम को आसान और तेज़ बनाते हैं। शायद भविष्य में सरकार को एक ऐसा AI टूल डेवलप करना चाहिए जो पूरी तरह से सुरक्षित हो और सरकारी कामकाज के लिए उपयुक्त हो।

क्या होगा आगे?

अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्या अन्य मंत्रालयों को भी ऐसे ही निर्देश जारी किए जाएंगे। लेकिन एक बात तो तय है कि AI टूल्स को लेकर सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है। OpenAI के CEO सैम अल्टमैन की भारत यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर और चर्चा हो सकती है। हो सकता है कि भविष्य में AI टूल्स के इस्तेमाल को लेकर और सख्त नियम बनाए जाएं।

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