आजकल AI का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन इसके साथ ही सिक्योरिटी से जुड़े खतरे भी बढ़ रहे हैं। चीन की AI कंपनी DeepSeek के ओपन-सोर्स मॉडल्स को लेकर हाल ही में कई खतरनाक खुलासे हुए हैं, जिससे इसकी सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। खासकर अमेरिका में DeepSeek को लेकर दिलचस्पी बढ़ी है, लेकिन अब इसके सिस्टम में मिली कमजोरियों की वजह से चिंता भी बढ़ रही है। रिसर्चर्स का कहना है कि DeepSeek के AI मॉडल्स US में बने AI मॉडल्स की तुलना में ज्यादा असुरक्षित हैं और इन्हें आसानी से हैक या मैनिपुलेट किया जा सकता है।

DeepSeek का डेटा लीक
AI सिक्योरिटी स्टार्टअप Wiz की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि DeepSeek का एक डाटाबेस इंटरनेट पर बिना किसी सिक्योरिटी के पड़ा था। कोई भी व्यक्ति इस डेटा को एक्सेस कर सकता था, जिसमें चैट हिस्ट्री, सीक्रेट कीज़, बैकएंड डीटेल्स और कई प्राइवेट जानकारियां शामिल थीं। इतना ही नहीं, इस डेटा को किसी भी हैकर द्वारा मॉडिफाई करके ज्यादा पावरफुल एक्सेस भी लिया जा सकता था – वो भी बिना किसी ऑथेंटिकेशन के!
हालांकि DeepSeek ने इस समस्या को पब्लिकली सामने आने से पहले ही ठीक कर दिया, लेकिन इस घटना ने उनके डाटा प्रोटेक्शन सिस्टम पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अगर समय रहते यह लीक रोक नहीं जाता, तो कई बड़ी साइबर हमले की घटनाएं हो सकती थीं।
DeepSeek का AI बन सकता है खतरनाक हथियार?
DeepSeek ने हाल ही में अपना नया R1 reasoning model लॉन्च किया था, जो OpenAI के मॉडल्स को टक्कर दे सकता है। लेकिन सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस मॉडल को आसानी से “जेलब्रेक” किया जा सकता है, यानी कुछ ट्रिक्स अपनाकर इससे हानिकारक जानकारी हासिल की जा सकती है।
Palo Alto Networks के रिसर्चर्स ने कुछ सिंपल तकनीकों का इस्तेमाल करके DeepSeek के AI से मालवेयर लिखने, फिशिंग ईमेल तैयार करने और यहां तक कि एक ‘Molotov Cocktail’ बनाने के तरीके पूछ लिए! यह दिखाता है कि DeepSeek का AI सुरक्षा के मामले में अभी बहुत पीछे है और इसका गलत इस्तेमाल आसानी से हो सकता है।
AI से आतंकवाद को बढ़ावा?
DeepSeek की सबसे खतरनाक कमजोरी इसका “Prompt Injection” अटैक के लिए संवेदनशील होना है। रिसर्चर्स ने Enkrypt AI के जरिए जब इसका टेस्ट किया, तो आधे से ज्यादा मामलों में यह AI हानिकारक कंटेंट जनरेट करने लगा।
एक टेस्ट में इस AI ने आतंकी संगठनों के लिए नए सदस्य भर्ती करने के तरीके तक लिख दिए! मतलब, कोई भी इसे आसानी से धोखा देकर गैर-कानूनी और खतरनाक जानकारी निकाल सकता है।
अमेरिका में बढ़ी DeepSeek की पॉपुलैरिटी
भले ही DeepSeek का AI मॉडल OpenAI की तुलना में सस्ता है, लेकिन इसकी सिक्योरिटी खामियों को देखते हुए अमेरिकी सरकार और टेक एक्सपर्ट्स इसे लेकर चिंतित हो गए हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर DeepSeek को इंटरनेशनल मार्केट में इस्तेमाल किया जाता है, तो इसके लिए सख्त सिक्योरिटी प्रोटोकॉल जरूरी होंगे। इसके बिना डेटा लीक, साइबर अटैक और फेक न्यूज जैसी समस्याएं और बढ़ सकती हैं।