चीन की AI कंपनी DeepSeek को भारत में मिली एंट्री! जानिए क्यों सरकार ने बदला रुख? 

Vidyut Paptwan | 31/01/2025
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भारत सरकार ने एक चौंकाने वाला फैसला लिया है! IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को ऐलान किया कि चीन की AI कंपनी DeepSeek के Large Language Models (LLMs) को भारत में होस्ट किया जाएगा। यह फैसला चौंकाने वाला इसलिए है क्योंकि 2020 से भारत सरकार ने TikTok, WeChat समेत 300 से ज्यादा चीनी ऐप्स को राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए बैन कर दिया था। अब सवाल उठता है—आखिर DeepSeek को इतनी खास तवज्जो क्यों दी गई? 

China DeepSeek AI gets entry in India

DeepSeek ने किया बड़ा धमाका!

DeepSeek ने हाल ही में अपना R1 “Reasoning” Model लॉन्च किया, जिसे मात्र $5.5 मिलियन (लगभग 46 करोड़ रुपये) के बजट में तैयार किया गया था। इस मॉडल की ताकत इतनी जबरदस्त है कि Nvidia जैसी चिप कंपनी को $600 बिलियन (करीब 50 लाख करोड़ रुपये) का झटका लग गया! 

DeepSeek के इस कदम ने AI इंडस्ट्री में खलबली मचा दी है। खास बात यह है कि भारत भी अब AI की इस रेस में अपनी मजबूत जगह बनाने के लिए कमर कस रहा है। IT मंत्री ने साफ किया कि भारत में DeepSeek को सिर्फ इस शर्त पर एंट्री मिली है कि भारतीय यूजर्स का सारा डेटा भारत में ही स्टोर और प्रोसेस किया जाएगा। 

भारत का AI Compute Facility – गेम चेंजर!

DeepSeek के AI मॉडल्स को भारत के नए AI Compute Facility में होस्ट किया जाएगा। यह सेंटर 18,693 Graphics Processing Units (GPUs) से लैस होगा, जिसमें से 13,000+ GPUs सिर्फ Nvidia H100 होंगे, 1,500+ GPUs Nvidia H200 होंगे, लगभग 10,000 GPUs तैयार हैं और कुछ ही दिनों में सिस्टम चालू हो जाएगा!

भारत सरकार सिर्फ AI मॉडल्स को होस्ट ही नहीं, बल्कि घरेलू AI कंपनियों को सस्ती कंप्यूटिंग सर्विस भी देने वाली है। यहां स्टैंडर्ड AI कंप्यूटिंग 42% सस्ते दाम पर और हाई-प्रिसीजन AI कंप्यूटिंग 47% छूट के साथ मिलेगी। 

DeepSeek का विवाद और भारत का AI प्लान!

गौरतलब है कि इटली की सरकार ने हाल ही में DeepSeek की ऐप को Apple और Google स्टोर्स से हटा दिया है, क्योंकि वहां की डाटा प्राइवेसी एजेंसी यह जांच कर रही है कि कंपनी किस तरह यूजर्स का डेटा स्टोर और इस्तेमाल कर रही है।

हालांकि, भारत सिर्फ विदेशी AI पर निर्भर नहीं रहना चाहता! IT मंत्री वैष्णव ने कहा कि भारत अपने खुद के GPUs और AI मॉडल्स पर भी तेजी से काम कर रहा है। भारत में अगले 2-3 सालों में $30 बिलियन (करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये) का निवेश डेटा सेंटर और हाइपरस्केल कंप्यूटिंग में होगा।

जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर!

भारत की टॉप कंपनी Reliance जामनगर में 3 गीगावॉट का दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाने की तैयारी में है। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा होता है, तो भारत AI के ग्लोबल हब में शामिल हो सकता है।

भारत ने 18 AI-ड्रिवन एप्लिकेशन्स को चुनकर फंडिंग दी है, जिनका फोकस खेती, जलवायु परिवर्तन, और सीखने में कठिनाई जैसी समस्याओं को हल करना है। इसके अलावा, सरकार AI डेवलपमेंट को रेगुलेट करने के लिए ‘हब एंड स्पोक’ मॉडल अपनाने वाली है, जिससे कई संस्थान मिलकर एक सुरक्षित AI फ्रेमवर्क तैयार कर सकें।

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