OpenAI ने बुधवार (29 जनवरी, 2025) को खुलासा किया कि चीन की कंपनियां तेजी से उसकी AI टेक्नोलॉजी को कॉपी करने की कोशिश कर रही हैं। इसको देखते हुए OpenAI ने सुरक्षा बढ़ाने और अमेरिकी सरकार के साथ सहयोग मजबूत करने का फैसला किया है। दुनिया की सबसे बड़ी AI कंपनियों में से एक OpenAI और उसके पार्टनर Microsoft, एक बड़ी जांच में जुटे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की AI स्टार्टअप DeepSeek पर आरोप है कि उसने OpenAI की टेक्नोलॉजी का अनधिकृत रूप से इस्तेमाल किया है और इससे अपना खुद का AI मॉडल तैयार किया है।

क्या वाकई चोरी हुई ChatGPT की टेक्नोलॉजी?
इस हफ्ते चीनी स्टार्टअप DeepSeek ने एक नया AI चैटबॉट लॉन्च किया, जिसने वॉल स्ट्रीट में खलबली मचा दी। खास बात यह है कि DeepSeek ने यह पावरफुल AI सिस्टम बहुत कम लागत में तैयार किया, जबकि अमेरिका की कंपनियां इस पर करोड़ों डॉलर खर्च कर रही हैं।
DeepSeek की इस सफलता के बाद आरोप लग रहे हैं कि इसने OpenAI के AI मॉडल को रिवर्स-इंजीनियर कर लिया है और उसकी टेक्नोलॉजी को कॉपी किया है। अमेरिका में अब इसको लेकर बहस छिड़ गई है कि क्या चीन की कंपनियां गैर-कानूनी तरीके से अमेरिकी AI टेक्नोलॉजी हासिल कर रही हैं।
कैसे चोरी हो रही है AI टेक्नोलॉजी?
OpenAI ने बताया कि चीनी कंपनियां “Distillation” नाम की एक टेक्नीक का इस्तेमाल कर रही हैं। इस प्रक्रिया में छोटे AI मॉडल, बड़े AI मॉडल से सीखते हैं और उनके व्यवहार और निर्णय लेने के पैटर्न को कॉपी करते हैं— ठीक वैसे ही जैसे एक स्टूडेंट अपने टीचर से सीखता है।
OpenAI के एक प्रवक्ता ने कहा: “हमें पता है कि चीन समेत कई कंपनियां हमारे मॉडल को डिस्टिलेशन तकनीक से कॉपी करने की कोशिश कर रही हैं।” OpenAI ने यह भी साफ कर दिया कि वह अमेरिकी सरकार के साथ मिलकर इस टेक्नोलॉजी की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाएगा।
Microsoft को कैसे हुआ शक?
Microsoft के सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने पाया कि कुछ लोग, जो DeepSeek से जुड़े हो सकते हैं, OpenAI के API के जरिए बड़ी मात्रा में डेटा एक्सफिल्ट्रेट (निकाल) कर रहे थे। इस API का उपयोग आमतौर पर डेवलपर्स OpenAI के एडवांस AI मॉडल को अपने ऐप्स में इंटीग्रेट करने के लिए करते हैं। लेकिन DeepSeek ने इसका गलत इस्तेमाल किया, जिससे OpenAI के टर्म्स ऑफ सर्विस का उल्लंघन हुआ हो सकता है।
Microsoft ने जब इस संदिग्ध गतिविधि को नोटिस किया, तो उसने तुरंत OpenAI को इस बारे में अलर्ट किया। ऐसा माना जा रहा है कि DeepSeek ने OpenAI की सिक्योरिटी को बायपास कर ज्यादा डेटा एक्सेस करने की कोशिश की।
DeepSeek का नया मॉडल R1 और विवाद का कनेक्शन
DeepSeek ने हाल ही में एक नया ओपन-सोर्स AI मॉडल R1 लॉन्च किया है। इस मॉडल को कंपनी ने एक क्रांतिकारी AI सिस्टम बताया, जो इंसानों की तरह सोचने और निर्णय लेने में सक्षम है। DeepSeek का दावा है कि उनका मॉडल गूगल, OpenAI और Meta जैसे दिग्गजों के AI मॉडल से बेहतर परफॉर्म कर सकता है।
लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि DeepSeek ने यह मॉडल बेहद कम लागत में तैयार किया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या DeepSeek ने OpenAI के डेटा और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके अपना मॉडल बनाया?
ट्रंप प्रशासन के AI चीफ का बड़ा बयान!
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के AI एडवाइजर डेविड सैक्स ने कहा कि DeepSeek के खिलाफ ठोस सबूत हैं कि उसने OpenAI के मॉडल के आउटपुट का इस्तेमाल करके अपना मॉडल विकसित किया। उन्होंने इसे “Distillation” तकनीक बताया, जिसमें एक AI मॉडल दूसरे मॉडल के आउटपुट को सीखकर अपनी क्षमताएं बढ़ाता है।
सैक्स का कहना है, “DeepSeek ने OpenAI के डेटा को निकालकर उसका उपयोग किया और यह OpenAI के लिए बिल्कुल भी अच्छी खबर नहीं है।” हालांकि, उन्होंने अपने दावों के समर्थन में सबूतों की ज्यादा जानकारी नहीं दी।
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