कुंभ मेले की भव्यता हर बार नई ऊंचाइयों को छूती है, और इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इसे और भी खास बना रहा है। भीड़ को संभालने और अचानक बढ़ने वाली संख्या का अनुमान लगाने के लिए, प्रशासन ने AI से लैस CCTV कैमरों का सहारा लिया है।

हर दिन लाखों की भीड़, स्नान के दिन बनते हैं खास
कुंभ मेले में रोजाना करीब 50 से 60 लाख लोग शामिल होते हैं। लेकिन जैसे ही कोई विशेष स्नान का दिन आता है, यह संख्या कई गुना बढ़ जाती है। पौष पूर्णिमा के दिन, लगभग 1.6 करोड़ श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाने पहुंचे। मकर संक्रांति (14 जनवरी) पर यह आंकड़ा 3.5 करोड़ तक पहुंच गया। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के स्नान के लिए लगभग 6-7 करोड़ लोगों के आने की संभावना है।
2,700 CCTV कैमरे और AI का जबरदस्त नेटवर्क
इस मेले को सुचारू रूप से चलाने के लिए, प्रयागराज में 2,700 CCTV कैमरे लगाए गए हैं। इनमें से 1,800 कैमरे मेला क्षेत्र में लगाए गए हैं। इन कैमरों का संचालन चार इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर्स (ICCC) से किया जा रहा है, जहां 400 लोग चौबीसों घंटे निगरानी में लगे हैं।
ICCC के प्रभारी पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि इन 1,800 कैमरों में से 160 AI-सक्षम कैमरे हैं। ये कैमरे भीड़ की घनत्व (density) का अनुमान लगाते हैं और यह देखते हैं कि किसी विशेष स्थान पर कितने लोग मौजूद हैं।
AI से ऐसे हो रही है भीड़ और सुरक्षा की निगरानी
- भीड़ नियंत्रण: AI से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि स्नान के खास दिनों पर किसी इलाके में भीड़ कब बढ़ेगी। जैसे ही भीड़ बढ़ने का संकेत मिलता है, तुरंत लोगों को दूसरी दिशा में भेजा जाता है।
- अपराध और सुरक्षा प्रबंधन: मेले के दौरान अपराधों पर नजर रखने और संदिग्ध गतिविधियों को पहचानने में AI मदद कर रहा है।
- आग की स्थिति में मदद: 40 झोपड़ियों और 60 टेंट में लगी आग जैसी घटनाओं में AI ने तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन की प्लानिंग में मदद की।
AI के जरिये दुनिया में पहली बार भीड़ प्रबंधन
प्रभारी अधिकारियों ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में भीड़ प्रबंधन के लिए AI का उपयोग दुनिया में पहली बार हो रहा है। यदि यह सफल होता है, तो इसे भारत के अन्य बड़े आयोजनों में भी अपनाया जा सकता है। हालांकि, AI मॉडल पूरी तरह से परफेक्ट नहीं है। कभी-कभी नेटवर्क की कमी या अन्य तकनीकी कारणों से कैमरों में समस्याएं आती हैं। सभी कैमरों में AI तकनीक को लागू करना महंगा साबित हो सकता है।
भीड़ नियंत्रण में AI की सफलता
मेला क्षेत्र में लगभग 16-17 एंट्री पॉइंट्स हैं। विवेक चतुर्वेदी, अपर जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि AI के एल्गोरिदम से हमें यह पता चलता है कि कहां भीड़ बढ़ रही है। इससे तुरंत कदम उठाए जाते हैं और लोग किसी सुरक्षित दिशा में भेज दिए जाते हैं। AI मॉडल की सटीकता 90-92% है। इस बार का कुंभ मेला सिर्फ आध्यात्मिक आयोजन नहीं, बल्कि तकनीक और नवाचार का उदाहरण भी बन गया है। AI ने न केवल सुरक्षा को सुनिश्चित किया है, बल्कि इसने करोड़ों श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
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