OpenAI भी अब आईफोन की राह पर! OpenAI के नये मॉडल्स ऐसे बदल रहे हैं इंटेलिजेंस की दुनिया

Apple के iPhones की तरह ही, OpenAI के मॉडल्स भी हर नए अपडेट के साथ और बेहतर हो रहे हैं। और लोग इसके लिए खुशी-खुशी ज्यादा पैसे देने को भी तैयार हैं, क्योंकि उन्हें वादा किया गया है एक नया और बेहतरीन अनुभव। OpenAI के चीफ सैम ऑल्टमैन ने खुद कहा की “o1 प्रीव्यू में कमियां हैं, लेकिन जब o1 आएगा, तो यह  एक बड़े कदम की तरह महसूस होगा।” उनका फोकस हमेशा से quantity से ज्यादा quality पर रहा है।

ऑल्टमैन की iPhone जैसी AI क्रांति!

सैम ऑल्टमैन का Apple के लेजेंड स्टीव जॉब्स से बड़ा ही खास रिश्ता है। जॉब्स की तरह ही, ऑल्टमैन भी AI का ‘iPhone’ तैयार करने में लगे हैं। उनका मानना है कि “rockets” (मतलब ज़बरदस्त प्रोडक्ट्स) बनाने पर ध्यान देना चाहिए, न कि ऐसे प्रोडक्ट्स पर जो मार्केट में बस फालतू हों। यही सोच अब OpenAI की नई स्ट्रैटजी का हिस्सा है।

GPT-3 से GPT-4 और जल्द आने वाले GPT-5 तक की यह जर्नी बिल्कुल वैसी है जैसे हर नया iPhone अपने पुराने वर्जन को कम आकर्षक बना देता है। जैसे iPhone 16 ने iPhone 11 को कम कूल बना दिया, वैसे ही GPT-4 के आते ही GPT-2 की चमक फीकी पड़ गई। अब AI में भी iPhone जैसी अपग्रेड्स देखने को मिल रही हैं। और इसी वजह से Apple ने भी OpenAI में इन्वेस्ट करने का मन बना लिया है।

AI: स्मार्टफोन्स जैसी जरुरत बनता जा रहा है!

जिस तरह से स्मार्टफोन्स ने अचानक हमारी ज़िंदगी का हिस्सा बनकर सबकुछ बदल दिया, AI भी अब उसी राह पर चल रहा है। OpenAI जैसे कम्पनियों के लगातार नए मॉडल्स के आने से ऐसा लगता है कि AI का इस्तेमाल आम बात हो जाएगी। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि जैसे iPhones के हर नए वर्जन के बाद पुराने वर्जन कम उपयोगी हो जाते हैं, वैसे ही AI के नए मॉडल्स पुराने मॉडल्स को अप्रासंगिक बना रहे हैं।

OpenAI के डेवलपर एक्सपीरियंस हेड, रोमन हुइट ने X (पहले ट्विटर) पर कंफर्म किया कि आने वाले DevDay इवेंट में कोई नया मॉडल या ChatGPT फीचर्स लॉन्च नहीं होंगे, सिर्फ API अपडेट्स आएंगे। पिछले साल के बड़े अनाउंसमेंट्स के बाद यह थोड़ी धीमी प्रगति लग सकती है, लेकिन इससे साफ है कि कंपनी अब छोटे अपडेट्स की जगह बड़े इनोवेशन पर ध्यान दे रही है।

क्या AI के छोटे-छोटे अपडेट्स पर लोग पैसे खर्च करेंगे?

जैसे iPhones के छोटे-छोटे फीचर्स के लिए भी लोग पैसे खर्च करने को तैयार रहते हैं, वैसे ही AI मॉडल्स के हर नए अपडेट के लिए भी लोग पैसे देंगे। OpenAI की स्ट्रैटजी यही बताती है कि लोग बेहतर एक्सपीरियंस के लिए पैसे खर्च करने को तैयार हैं, क्योंकि पुराने फ्री वर्जन्स से वो एक्सपीरियंस नहीं मिल पाएगा।

G42 के CEO, मनु कुमार जैन, का मानना है कि स्मार्टफोन्स और AI मॉडल्स में एक बड़ा फर्क यह है कि स्मार्टफोन्स की प्रगति इन्क्रिमेंटल होती है, जबकि AI में हर नया फीचर एक्सपोनेंशियल है। जैन, जो पहले Xiaomi में स्मार्टफोन अडॉप्शन को लीड कर चुके हैं, अब अपने AI मॉडल NANDA (जो भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी, नंदा देवी पर आधारित है) के साथ देश की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। जैन का कहना है, “NANDA के साथ हम ऐसा मॉडल बना रहे हैं जो भारत की भाषा और उसकी जनता से जुड़ा हो।”

AI का भविष्य: स्मार्टफोन्स से भी बड़ा!

AI का इस्तेमाल स्मार्टफोन्स से भी ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। अगले कुछ सालों में हम शायद अपनी ज़िंदगी AI के बिना सोच भी नहीं पाएंगे। और OpenAI जैसे बड़े प्लेयर्स इस दिशा में पूरी तरह से जुटे हैं। सैम ऑल्टमैन हमेशा से सादगी और साफ-सुथरे डिजाइन के दीवाने रहे हैं। ChatGPT का सिंपल और इंट्यूटिव डिज़ाइन इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

OpenAI की नई ब्रांडिंग और भविष्य की योजनाएं

OpenAI अपनी ब्रांडिंग में भी बदलाव कर रहा है। कंपनी का लोगो बदलकर एक सिंपल काले “O” में बदलने की योजना है, जो कंपनी के बदलते विज़न को दर्शाता है। इसके अलावा, iPhone के डिज़ाइनर Jony Ive के OpenAI से जुड़ने के बाद यह साफ है कि कंपनी डिज़ाइन और इनोवेशन में बड़ा दांव लगाने जा रही है।

सैम ऑल्टमैन का कहना है, “हमने बेहतरीन प्रोडक्ट्स डिलीवर करने शुरू कर दिए हैं, लेकिन आने वाले समय में हम इससे भी बेहतरीन चीज़ें देंगे।” OpenAI के आने वाले मॉडल्स जैसे o1, Sora, DALL·E और ChatGPT के नए एडवांस्ड वॉयस फीचर्स दिखाते हैं कि AI अब केवल $20 में भी इतनी एडवांस हो सकता है। हालांकि, DevDay 2024 में इसके सब्सक्रिप्शन प्राइस बढ़ने की भी संभावना है।

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