आज के समय में जब बिजली के बिल हर महीने लोगों की जेब ढीली कर रहे हैं, तब सोलर पावर एक शानदार विकल्प बनकर उभर रहा है। खासकर घरेलू इस्तेमाल के लिए 1kW का Solar System काफी पॉपुलर हो रहा है। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि 1kW सोलर से असल में कितनी बिजली जनरेट होती है और वो कितना लोड संभाल सकता है? अगर आप भी यही सोच रहे हैं, तो चलिए इसका आसान जवाब जानते हैं इस आर्टिकल में।

1kW सोलर से रोजाना कितनी यूनिट बनती है?
भारत जैसे देश में जहां ज्यादातर हिस्सों में पूरे साल भर अच्छी धूप मिलती है, वहां 1kW का सोलर पैनल रोजाना औसतन 4 से 5 यूनिट तक बिजली बना सकता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपके एरिया में धूप कितने घंटे मिलती है, लेकिन आमतौर पर इसे औसतन 5 घंटे की धूप मान कर कैलकुलेट किया जाता है।
यानी अगर आपके घर की छत पर 1kW का सोलर सिस्टम लगा है और दिनभर साफ धूप रहती है, तो आपको रोजाना करीब 5 यूनिट बिजली मिल सकती है। महीने में यह लगभग 150 यूनिट हो जाती है और साल भर में करीब 1800 यूनिट तक बिजली आप खुद जनरेट कर सकते हैं। ये आंकड़ा छोटे परिवारों या 1BHK फ्लैट वालों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।
1kW सोलर कितना लोड झेल सकता है?
अब बात करते हैं कि 1kW सोलर पैनल असल में आपके घर में कौन-कौन से अप्लायंसेस को चला सकता है। तो इसका जवाब है कि 1kW सिस्टम से आप बेसिक घरेलू जरूरतें आराम से पूरी कर सकते हैं। जैसे कि 3 से 4 LED बल्ब, 2-3 सीलिंग फैन, 1 कूलर, 1 LED टीवी, 1 इन्वर्टर फ्रिज और मोबाइल चार्जिंग जैसी चीजें आसानी से चल सकती हैं।
अगर आप इन उपकरणों को लिमिट में और सही टाइमिंग से इस्तेमाल करते हैं तो रोजाना की जरूरत की लगभग पूरी बिजली सोलर से मिल सकती है। हां, अगर आप सोच रहे हैं कि 1kW से एसी या वॉशिंग मशीन चल जाए, तो यह मुमकिन नहीं है क्योंकि ये हाई पावर अप्लायंसेस हैं जिन्हें चलाने के लिए 2kW से ज्यादा की क्षमता वाला सिस्टम चाहिए।
रियल-लाइफ उदहारण
मान लीजिए, आप एक छोटा घर चलाते हैं। सुबह आप 2 पंखे (140W), 4 LED बल्ब (60W) और एक टीवी (120W) चलाते हैं। कुल लोड = 320W। 1kW सिस्टम इसे आराम से हैंडल कर लेगा। अगर आप दिन में फ्रिज (200W) और कूलर (100W) जोड़ते हैं, तो भी लोड 620W ही होगा। यानी, 1kW सिस्टम आपके बेसिक जरूरतों को आसानी से कवर कर सकता है।
1kW सोलर लगवाने में कितना खर्च आएगा?
मार्केट में अगर आप बिना सब्सिडी के इंस्टॉलेशन करवाते हैं, तो इसकी कीमत लगभग 55,000 से 70,000 रुपये तक आ सकती है। लेकिन सरकार की तरफ से चलाई जा रही पीएम सूर्यघर योजना के तहत 1kW सिस्टम पर आपको करीब 30,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलती है। इस सब्सिडी के बाद सिस्टम की लागत घटकर 25,000 से 40,000 रुपये तक रह जाती है।
अगर आप ऑन-ग्रिड सिस्टम लगवा रहे हैं, तो आपको बैटरी की जरूरत नहीं होती और बिजली विभाग से सीधा कनेक्शन हो जाता है। वहीं, अगर आप ऑफ-ग्रिड सिस्टम लगवा रहे हैं, तो आपको बैटरी भी लगानी पड़ती है जिससे कुल खर्च थोड़ा बढ़ जाता है लेकिन बिजली कट होने पर भी सप्लाई मिलती रहती है।
2025 में लेटेस्ट अपडेट्स
2025 में सोलर टेक्नोलॉजी और बेहतर हो गई है। अब PERC और बाइफेशियल पैनल्स ट्रेंड में हैं, जो दोनों तरफ से सूरज की रोशनी सोख सकते हैं। इनसे 10-15% ज्यादा बिजली मिलती है। इसके अलावा, स्मार्ट इनवर्टर्स की मदद से आप अपने फोन से सिस्टम को मॉनिटर कर सकते हैं। सरकार की तरफ से भी सब्सिडी और टैक्स बेनिफिट्स अभी चालू हैं, जो सोलर इंस्टॉलेशन को और किफायती बनाते हैं।
क्या 1kW सिस्टम आपके लिए सही है?
अगर आपका घर छोटा है (1-2 कमरे) और आप बेसिक अप्लायंसेज (पंखे, लाइट्स, टीवी, फ्रिज) चलाना चाहते हैं, तो 1kW सिस्टम आपके लिए एकदम फिट है। ये आपके बिजली बिल को 50-70% तक कम कर सकता है। लेकिन अगर आप भारी लोड या भविष्य में जरूरत बढ़ने की सोच रहे हैं, तो 2kW या 3kW सिस्टम पर विचार करें।
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